Ranchi News : हम भारत की नारी हैं, फूल नहीं चिंगारी हैं : पद्मश्री छुटनी देवी
दो दिवसीय महिला इतिहासकार संगोष्ठी संपन्न
रांची. अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नयी दिल्ली, झारखंड व रांची विवि के इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इतिहास लेखन में महिला विमर्श विषय पर आयोजित दो दिवसीय महिला इतिहासकार संगोष्ठी रविवार को संपन्न हुई. इस संगोष्ठी में देश भर से आयी महिला शोधार्थियों ने 145 प्रपत्र प्रस्तुत किये. वहीं संगोष्ठी के दूसरे दिन चार सत्रों में कुल 80 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये. समापन समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री छुटनी देवी ने कहा कि हम भारत की नारी हैं, फूल नहीं चिंगारी है. महिला और पुरुष एक समान हैं. दोनों एक-दूसरे से कम नहीं हैं और दोनों का महत्व है. उन्होंने डायन प्रथा की रोकथाम के लिए महिलाओं से आगे आने को कहा.
दस्तावेज इतिहास का अहम हिस्सा : डॉ सुजाता
समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहीं रांची विवि इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुजाता सिंह ने कहा कि दस्तावेज इतिहास का अहम हिस्सा है. इन्हें सहेजने का प्रयास होना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि इतिहास की घटनाएं गुजर जायें और हमें अफसोस हो कि उसे संग्रहित नहीं कर सके. महिला इतिहास परिषद की उपाध्यक्ष व काशी हिंदू विवि के प्राचीन इतिहास व पुरातत्व विभाग की अध्यक्ष प्रो सुमन जैन ने कहा कि महिला विमर्श के बिना इतिहास अधूरा है. इस दिशा में स्रोत अस्पष्ट एवं सीमित है. इसलिए इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है. इस अवसर पर झारखंड-बिहार के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ राजकुमार, महासचिव हेमंत धींग मजुमदार, संगठन सचिव बालमुकुंद पांडेय, सह सचिव संजय कुमार मिश्रा, सुष्मिता पांडेय, अनुराधा राजहंस सहित अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है