कोविड-19 की चुनौतियों को हमलोग अवसर में परिवर्तित कर सकते हैं
एक्सआइएसएस के रूरल मैनेजमेंट प्रोग्राम के क्लब 'प्रकृति' द्वारा कोविड- 19 के प्रभाव और विश्लेषण पर वेबिनार का आयोजन हुआ. लोयोला इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरपर्सन डॉ एमजे जेवियर ने कहा कि कई कंपनियों ने इस दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं कुछ कंपनियां बंद हुईं.
रांची : एक्सआइएसएस के रूरल मैनेजमेंट प्रोग्राम के क्लब ‘प्रकृति’ द्वारा कोविड- 19 के प्रभाव और विश्लेषण पर वेबिनार का आयोजन हुआ. लोयोला इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरपर्सन डॉ एमजे जेवियर ने कहा कि कई कंपनियों ने इस दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं कुछ कंपनियां बंद हुईं. उन्होंने नौकरियां छूटने, बढ़ते अपराध दर और ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक प्रभाव आदि के बारे में भी बताया. कहा कि इसने अमीरी और गरीबी के बीच की खाई बढ़ायी है.
दूसरी ओर इसने उभोक्तावाद में कमी, मूल्यों की तलाश और दक्षता निर्माण के महत्व को भी रेखांकित भी किया है. हम चुनौतियों को अवसर में बदल सकते हैं. एक्सआइएसएस में रूरल मैनेजमेंट एचओडी डॉ हिमाद्रि सिन्हा ने कहा कि इस महामारी ने सामान्य वर्ग के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त किया है. उन्होंने प्रवासी मजदूर, बेरोजगारी दर, जीडीपी, कोविड से पहले की आर्थिक स्थिति के साथ इसके सांप्रदायिक पहलू, सामाजिक वर्जनाएं, वैक्सीन की लड़ाई और कोविड के बाद की स्थितियों की चर्चा भी की.
कोएलिशन फॉर फूड एंड न्यूट्रिशन के कार्यकारी निर्देशक सुजीत रंजन ने कहा कि कोविड का बच्चों व गर्भवती महिलाएं के पोषण पर प्रभाव पड़ा है. स्कूल ऑफ सोशल साइंस, जेएनयू की प्रोफेसर सुजैन विश्वनाथन ने कहा कि हमें स्वास्थ्य, शिक्षा, रोग प्रतिरोधक शक्ति, कृषि पर ध्यान देते और बीती बातों से सीखते हुए आगे बढ़ना चाहिए. सेंटर फॉर फिस्कल स्टडीज के निदेशक प्रोफेसर हरीश्वर दयाल ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोविड- 19 के प्रभाव पर
विचार रखा. मणिपुर अध्ययन केंद्र, मणिपुर विवि की प्रोफेसर डॉ विजयलक्ष्मी बरारा ने बढ़ी घरेलू हिंंसा व स्कूल ड्रॉपआउट विषय पर संबोधित किया. प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन प्रोफेसर राजश्री वर्मा और वेबिनार का संचालन डॉ केके भगत ने किया.
Post by : Pritish Sahay