बसंत ऋतु में मौसम के मिजाज से लोग परेशान हैं. पश्चिमी विक्षोभ के असर से कई जिलों में कभी बादल छा जा रहे हैं, तो आसमान साफ हो जा रहा है. बदलते मौसम के कारण लोग बीमार भी पड़ रहे हैं. आसमान साफ होने पर अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अंतर काफी अधिक हो जा रहा है. रविवार को ही राजधानी में अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अंतर 16 डिग्री सेसि के आसपास रहा. राजधानी का न्यूनतम तापमान रविवार को 13.3 तथा अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेसि दर्ज किया गया. न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब 13 डिग्री सेसि कम रहा.धूप खिलने के बाद तापमान बढ़ जा रहा है. धूप लोगों को परेशान भी कर रही है. वहीं, शाम ढलने के बाद तापमान गिर जा रहा है. यही स्थिति सुबह तक रह रही है. इस कारण शाम के बाद लोगों को ठंड का एहसास हो रहा है. रात और सुबह के समय तो लोगों को कड़ाके की ठंड का एहसास हो रहा है. इसी तरह की स्थिति राज्य के अन्य जिलों की भी है. डालटनगंज में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेसि के करीब पहुंच गया है. वहीं, न्यूनतम तापमान 13.3 डिग्री सेसि के करीब पहुंच गया है.
13 से हो सकती है बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि राज्य में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल सकता है. 13 मार्च को पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा. इससे बादल छाये रहेंगे. 16 मार्च को कहीं-कहीं बारिश हो सकती है. राज्य के मध्य हिस्से में भी बारिश का अनुमान है. इसके बाद अधिकतम तापमान गिरेगा. न्यूनतम तापमान थोड़ा चढ़ सकता है. मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि आसमान साफ होने पर अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेसि तक जा सकता है. न्यूनतम तापमान 17 से 19 डिग्री सेसि के बीच रह सकता है.
मौसमी बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या 40 फीसदी बढ़ी
मौसम में अचानक बदलाव और तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. हल्की लापरवाही से लोग बीमार हो जा रहे है. बुखार, सर्दी-खांसी और गले में दर्द की समस्या हो रही है. ऐसी समस्यावाले मरीजों की संख्या अस्पतालों में 40 फीसदी बढ़ गयी है. मौसमी रोग से पीड़ित 50 से अधिक मरीज हर दिन रिम्स के मेडिसिन ओपीडी में आ रहे हैं. वहीं, गले में दर्द की समस्या वाले मरीज इएनटी विभाग के डॉक्टर से परामर्श ले रहे है.रिम्स के फिजिशियन डॉ विद्यापति ने बताया कि बदलते मौसम में लोगों को संभल कर रहना चाहिए. मौसम और तापमान के अनुरूप कपड़ा पहनना चाहिए. खान-पान और जीवनशैली उसी के अनुरूप होनी चाहिए. लापरवाही बरतने पर आप बीमार हो सकते हैं. छाती रोग विशेषज्ञ डॉ ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि लंबी अवधि तक खांसीवाले मरीजों की संख्या बढ़ी है. कफ की समस्या तीन से चार हफ्ते तक रह जा रही है. कई मरीज तो ठीक होने के बाद दोबारा संक्रमित होने की शिकायत लेकर आ रहे है. इएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ हर्ष कुमार ने बताया कि गले में दर्द ठंडे पेय पदार्थ का उपयोग करने से होता है. अभी मौसम बदल रहा है, इसलिए फ्रीज में रखे सामान, शीतल पेय पदार्थ का उपयोग नहीं करें.
क्या कहना है मौसम विभाग का
उत्तरी भारत में अब भी बर्फबारी हो रही है. इसका असर मौसम पर पड़ रहा है. दिन का तापमान और बढ़ना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. सुबह में तेज धूप हो रही है, लेकिन हवा में अब भी ठंडक महसूस हो रही है. जैसे ही उत्तर भारत में बर्फबारी बंद होगी, ठंड का एहसास कम होने लगेगा.
अभिषेक आनंद, प्रभारी, मौसम विज्ञान केंद्र