Loading election data...

सावधान! झारखंड के 15 जिलों में ओलावृष्टि का मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

झारखंड के 24 में से 15 जिलों में शुक्रवार (17 मार्च) को ओलावृष्टि होगी. इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ेगी. खेत में लगी गेहूं, सरसों, दलहन, फल एवं सब्जियों पर इसका विपरीत असर पड़ेगा. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है.

By Mithilesh Jha | March 15, 2023 6:18 PM
an image

झारखंड के 24 में से 15 जिलों में शुक्रवार (17 मार्च) को ओलावृष्टि होगी. इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ेगी. खेत में लगी गेहूं, सरसों, दलहन, फल एवं सब्जियों पर इसका विपरीत असर पड़ेगा. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है. इसमें कहा गया है कि राज्य के पूर्वी तथा निकटवर्ती मध्य भागों में कुछ जगहों पर ओलावृष्टि की संभावना है.

मौसम विभाग के अलर्ट में इन 9 जिलों का नाम नहीं

भारत मौसम विज्ञान विभाग के रांची स्थित मौसम केंद्र ने जो नक्शा जारी किया है, उसमें कहा गया है कि गढ़वा, पलामू, चतरा, कोडरमा, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, सिमडेगा और गुमला को छोड़कर झारखंड के शेष जिलों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की संभावना है. खेत में लगी फसलों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.

Also Read: जमशेदपुर का तापमान 38 डिग्री के करीब, 4 दिनों तक झारखंड के इन हिस्सों में वर्षा-वज्रपात का अलर्ट, गिरेगा पारा
औंधे मुंह गिरेंगे गेहूं के पौधे

रांची के हिनू स्थित मौसम केंद्र की ओर से बुधवार को यानी 15 मार्च को झारखंड राज्य में कृषि क्षेत्र पर ओलावृष्टि का ‘प्रभाव आधारित पूर्वानुमान’ में कहा गया है कि इस ओलावृष्टि की वजह से गेहूं के दाने देर से पकेंगे. तेज ओलावृष्टि की वजह से गेहूं के पौधे गिर जायेंगे यानी लेट जायेंगे.

ओलावृष्टि से सरसों की फसल पर होंगे ये दुष्प्रभाव

इसमें आगे बताया गया है कि सरसों की खेत में जलभराव की वजह से फसल झुक जायेगी. इसकी वजह से इसकी जड़ों की वृद्धि रुक जायेगी. तना सड़ने लगेगा और अल्टरनेरिया ब्लाइट जैसी बीमारियां पौधे को हो सकती है. इतना ही नहीं, ओलावृष्टि की चपेट में आने वाले सरसों के पौधों की फलियां भी गिर सकती हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है.

Also Read: Jharkhand Weather Forecast: झारखंड में 3-4 डिग्री तक गिरेगा तापमान, जानें रांची का कैसा रहेगा मौसम
दलहन की खेती भी होगी प्रभावित

दलहनी फसल के बारे में कहा गया है कि ओलावृष्टि हुई, तो फली का विकास सही से नहीं होगा. इसकी वजह से उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. पौधों में फफूंद रोग भी देखा जा सकता है. इससे बचने के लिए जलनिकासी की व्यवस्था करनी चाहिए. फसल की लगातार निगरानी करें. तैयार फसल को काटकर सुरक्षित और सूखे स्थान पर रख देना चाहिए. अगर ऐसा संभव न हो तो कटाई के लिए कुछ दिन इंतजार करना चाहिए.

झारखंड के इन जिलों में ओलावृष्टि का अलर्ट

पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, जामताड़ा, देवघर, दुमका, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज में ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट मौसम केंद्र रांची की ओर से जारी किया गया है.

Exit mobile version