Loading election data...

weather updates durga puja : मॉनसून वापसी में देरी, 23 के बाद वापसी की उम्मीद

झारखंड मॉनसून वापसी की उम्मीद 23 के बाद

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2020 3:10 AM

रांची : बंगाल की खाड़ी में बार-बार निम्न दबाव (लो प्रेशर) का क्षेत्र बन रहा है. इस कारण हवा का रुख नहीं बदल पा रहा है. हवा का रुख नहीं बदलने के कारण मॉनसून की वापसी नहीं हो रही थी. अब वापसी के संकेत मिलने लगे हैं. दो से तीन दिन में मॉनसून झारखंड से वापस हो सकता है. झारखंड में आम तौर पर मॉनसून की वापसी अक्तूबर के दूसरे सप्ताह (10 से 15 अक्तूबर) तक हो जाती है, लेकिन इस बार 22-23 अक्तूबर के बाद ही मॉनसून की वापसी की उम्मीद है.

22 अक्तूबर से एक बार फिर बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बन रहा है. इस कारण मॉनसून के वापस होने की उम्मीद इसके बाद ही संभव है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ :

रांची एयरपोर्ट रोड स्थित मौसम केंद्र के वरीय वैज्ञानिक अभिषेक आनंद का कहना है कि इस बार मॉनसून के लौटने में देरी हो रही है. मॉनसून जून के दूसरे सप्ताह में आया था. अक्तूबर की 15 तारीख तक इसे लौट जाना चाहिए था, लेकिन लगता है कि 22-23 अक्तूबर के बाद ही यह वापस होगा. इसके संकेत मिलने लगे हैं. इससे फरवरी में अच्छी ठंड की उम्मीद की जा सकती है.

प्राच्य ऋतु गणना को भी माना जाता है आधार :

ऋतु गणना की वैज्ञानिक विधि के साथ प्राच्य ऋतु गणना विधि से मौसम की जानकारी ली जाती है. इसका जिक्र पंडित मधुसूदन ओझा के कादंबनी ग्रंथ में भी किया गया है. इस विधि का अध्ययन करनेवाले ज्योतिष (एमबीए डिग्रीधारी) इंदीवर दास गुरु कहते हैं कि यह प्रामाणिक विधि है.

इसमें आकाश रूपी स्त्री के सूर्यरूपी आकाश से गर्भधारण की बात कही जाती है. इसमें अाषाढ़ से लेकर अाश्विन तक को प्रसव काल कहा जाता है. कहा जाता है कि इससे पूर्व का नौ माह गर्भ धारण का है. जब तक प्रसव काल होगा, तब तक बारिश होगी. अगर गर्मी में जोरदार बारिश हो जाती है, तो इस विधि में इसे गर्भपात कहा जाता है. इससे प्रसव काल में सूखे की उम्मीद बढ़ जाती है. एक-एक दिन के आधार पर इसकी गणना की जाती है.

पांच राज्यों में पड़ता है लो प्रेशर का असर

बंगाल की खाड़ी में बननेवाले निम्न दबाव का असर पांच राज्यों में पड़ता है. इसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओड़िशा का कुछ हिस्सा है. यही कारण है इन राज्यों में मॉनसून की वापसी नहीं हुई. मॉनसून की वापसी के साथ ही हवा का रुख बदल जाता है. अभी इन राज्यों में खाड़ी से मैदानी हिस्सों में हवा चल रही है. जैसे ही मॉनसून वापस हो जायेगा, हवा का रुख पहाड़ी से मैदानी हिस्सों में हो जायेगा. इससे पहाड़ से चलने वाली सर्द हवाएं भी आने लगेंगी. इसका एहसास अगले सप्ताह में हो सकता है.

posted by : sameer oraon

Next Article

Exit mobile version