Jharkhand: मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग के रूप में डेवलप होंगे कल्याण विभाग के हॉस्टल, मिलेगा पकाया भोजन
झारखंड सरकार राज्य में कल्याण विभाग के हॉस्टल्स को डेवलप करने वाली है. सभी हॉस्टल मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग के रूप में विकसित किये जायेंगे. यहां तमाम तरह की सुविधाएं स्टूडेंट्स को मुहैया करायी जायेंगी. जहां स्टूडेंट्स सुविधाओं से जुझने की बजाय अपनी पढ़ाई पर फोकस कर सकेंगे.
Jharkhand News: झारखंड सरकार राज्य में कल्याण विभाग के हॉस्टल्स को डेवलप करने वाली है. सभी हॉस्टल मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग के रूप में विकसित किये जायेंगे. यहां तमाम तरह की सुविधाएं स्टूडेंट्स को मुहैया करायी जायेंगी. जल्द ही कल्याण विभाग के आदिवासी हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स सुविधाओं से जुझने की बजाय अपनी पढ़ाई पर फोकस कर सकेंगे. इस बात की घोषणा सीएम हेमंत सोरेन ने की. मंगलवार को करम पर्व के मौके पर उन्होंने उक्त घोषणा रांची के सर्कुलर रोड स्थित विमेंस कॉलेज छात्रावास परिसर से की.
आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे सभी आदिवासी हॉस्टल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक निभा रही है. राज्य सरकार सभी चीजों को एक-एक कर व्यवस्थित करने का कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में कल्याण विभाग द्वारा बनाए गए आदिवासी छात्रावासों को मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग के रूप में विकसित करेगी. सभी छात्रावासों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाएगा. राज्य सरकार ये सभी सुविधाएं अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याण विभाग के हॉस्टल में रसोईया, सुरक्षा गार्ड सहित सभी आवश्यक व्यवस्था मुहैया कराएगी. कोई भी बच्चा घर से अनाज नहीं लाएगा. बना बनाया भोजन राज्य सरकार छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराएगी.
दो साल बाद जुटे हमलोग
मौके पर उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी और गर्व का विषय है कि हम अपनी परंपरा-संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं. प्राकृतिक पर्व करम के मौके पर आज हम सभी लोग एकत्रित हुए हैं. धरती पर आदि समाज की अपनी परंपरा और संस्कृति रही है. इस विकासशील दौर में हमें अपनी परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को बचा पाना चुनौती है लेकिन इन सभी चुनौतियों से निकलते हुए आज हमारी युवा पीढ़ी आदिवासी-मूलवासी के परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. आज गली-मोहल्ले,घरों सहित कई अखाड़ों में करम पूजा महोत्सव आयोजित हुआ है. पिछले 2 सालों से हम सभी लोग वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर करम महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से नहीं कर पा रहे थे परंतु अब जैसे ही परिस्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हुई हैं, आज फिर हम प्रकृति पर्व करमा पूजा का भव्य आयोजन कर पा रहे हैं.
पूर्वजों ने हमें अपनी परंपरा, संस्कृति एवं सभ्यता से जुड़े रहना सिखाया
मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि हम सभी के लिए गौरव की बात है कि हम समाज के वह पीढ़ी हैं जहां हमारे पूर्वजों ने हमें प्रकृति से प्रेम करना, प्रकृति से जुड़े और बंधे रहना सिखाया है. आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती से जूझ रहा है. पर्यावरण संतुलन विषय पर बड़ी-बड़ी गोष्ठियां आयोजित हो रही हैं. इन गोष्ठियों में पर्यावरण संतुलन और संरक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चाएं हो रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर में कई कारणों से प्राकृतिक व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर हस्तक्षेप हो रहा है. आने वाले दिनों में अगर प्राकृतिक के साथ ताल-मेल में गड़बड़ी होता रहा तो यह मनुष्य जीवन के लिए भयावह साबित हो सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें जल, जंगल, जमीन के संरक्षण के प्रति एकजूट रखने का काम किया है.