रांची में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए टास्क फोर्स ने क्या कार्रवाई की : हाइकोर्ट
मामला रांची शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने का. हाइकोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए रांची के सिटी डीएसपी.
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. सुनवाई के दाैरान रांची के सिटी डीएसपी सशरीर उपस्थित हुए. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने पक्ष सुनने के बाद सिटी डीएसपी से पूछा कि वर्ष 2019 में रांची में ध्वनि प्रदूषण रोकने को लेकर टास्क फोर्स का गठन किया गया था. टास्क फोर्स ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए क्या कार्रवाई की है. डीएसपी को शपथ पत्र दायर कर इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम को लेकर जनता को जागरूक करना जरूरी है. इसके लिए संचार माध्यमों समाचार पत्र, एफएम रेडियो, न्यूज चैनल आदि की सहायता भी ली जा सकती है. शहर के चौक-चौराहों पर ध्वनि प्रदूषण काम करने के संबंध में जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी. इस दौरान सिटी डीएसपी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि हेल्पलाइन नंबर-112 लागू है. उस पर कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र में होनेवाले ध्वनि प्रदूषण की शिकायत कर सकता है. शिकायत मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई की जायेगी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारूका ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड सिविल सोसाइटी की कोर कमेटी के सदस्य विकास कुमार सिंह ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि शहर में बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला व मैरेज हॉल में लाउडस्पीकर व डीजे के साथ रात साढ़े दस बजे के बाद बारात लगने से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. पूर्व में कोर्ट ने आदेश पारित कर कहा था कि रात 10 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक लाउडस्पीकर अथवा डीजे नहीं बजने चाहिए. नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर कार्रवाई की जाये. पर्व-त्योहार जैसे विशेष धार्मिक आयोजनों के दौरान जिला प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद ही रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की छूट दी जा सकती है.