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झारखंड हाइकोर्ट सख्‍त, पूछा- निजी प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों पर क्या कार्रवाई की गयी ?

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में गुरुवार को रिम्स में इलाज की दयनीय व्यवस्था को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई.

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में गुरुवार को रिम्स में इलाज की दयनीय व्यवस्था को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने रिम्स को यह बताने का निर्देश दिया कि निजी प्रैक्टिस करनेवाले कितने चिकित्सकों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गयी है.

अदालत ने कहा कि नर्सों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. राज्य सरकार को निर्देश दिया कि एक माह के अंदर रिम्स में 362 नियमित नर्सों की नियुक्ति की जाये. रिम्स के विभिन्न पांच सुपर स्पेशियालिटी विभागों के अलावा अन्य विभागों में नये पद सृजित करने आदि को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. वहीं, रिम्स को भी जवाब दायर करने का निर्देश दिया गया. मामले की अगली सुनवाई चार अप्रैल को होगी.

एमीकस क्यूरी अधिवक्ता वंदना सिंह ने अदालत को बताया कि रिम्स में इलाज की व्यवस्था में खास बदलाव नजर नहीं दिख रहा है. रिम्स की ओर से पूर्व में बताया गया था कि 362 नियमित नर्सों की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा ली गयी है. रिजर्वेशन के मामले में सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है.

पांच सुपर स्पेशियालिटी सहित अन्य विभागों में पद सृजित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है, जो लंबित है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शनिचर उरांव ने याचिका दायर की है. पूर्व में मामले की सुनवाई के दौरान रिम्स में इलाज की लचर व्यवस्था को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया था तथा सरकार को रिम्स की व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाने का निर्देश दिया था.

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