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जमीन कब्जा, महिला अपराध के आरोपियों की जमानत रद्द करने के लिए क्या कार्रवाई हुई : हाइकोर्ट

मामला दुमका के हंसडीहा में महिला टूरिस्ट से हुई गैंगरेप की घटना व सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की जमीन पर जबरन कब्जा करने का.

By Prabhat Khabar News Desk | May 17, 2024 12:11 AM
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रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका के हंसडीहा में स्पेनिश बोलनेवाली महिला (ब्राजीलियाई नागरिक) टूरिस्ट से हुई गैंगरेप की घटना और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने इस दाैरान राज्य सरकार के जवाब को सुनने के बाद माैखिक रूप से पूछा कि राज्य में जमीन कब्जा, महिला अपराध व रंगदारी जैसे मामलों में लगातार संलिप्त रहनेवाले आरोपियों की जमानत रद्द करने को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की गयी है. यदि कार्रवाई नहीं की गयी है, तो क्यों. खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक चार्ट तैयार करने को कहा, जिसमें आरोपियों की पहचान से संबंधित डाटा दर्ज हो, ताकि वह दूसरी बार भी अपराध करते हुए पकड़े जायें, तो उसकी पहचान की जा सके. खंडपीठ ने राज्य सरकार को फरार भू-माफियाओं को पकड़ने के लिए की जा रही कार्रवाई तथा जमानत रद्द करने को लेकर की गयी कार्रवाई की अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद व अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने जमीन कब्जा, महिला अपराध व रंगदारी मांगने से संबंधित डाटा एक होने का कारण बताया कि वही आरोपी बार-बार ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं. सरकार का डाटा गलत नहीं है. भू माफियाओं के खिलाफ 11 नये केस दर्ज किये गये हैं. इसमें से दो मामलों में गिरफ्तारी की गयी है. बताया गया कि राज्य के अन्य जिलों के भू-माफिया द्वारा जमीन कब्जा, महिला अपराध व रंगदारी मांगने की घटनाओं का पूर्ण डाटा अब तक नहीं आ पाया है. इसके लिए सरकार को समय देने का आग्रह किया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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