रांची : बारिश के मौसम में बिजली गिरने की समस्याएं आम हो जाती हैं, ऐसे में घर की छत या स्कूल भवनों में तड़ित चालक लगवाया जाता है जिससे कि इस हादसे से बचा जा सके. ऐसे में आम लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि तड़ित चालक है क्या ? और ये कैसे वज्रपात से बचाव करता है? तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं…..
दरअसल ये एक ऐसा यंत्र है जो कॉपर का बना होता है. इससे हमेशा घर के छत पर लगावाया जाता है. तारों के द्वारा इसकी अर्थिंग कर जमीन में गाड़ दिया जाता है. ये ऊपर से थोड़ा पतला और नीचे से मोटा होता है. इससे ज्यादा पावर करंट भी सीधे जमीन में चला जाता है. यही कारण है कि खतरा काफी कम हो जाता है.
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ये एक कॉपर की रॉड होती है जिसके ऊपरी सिरा नुकीला अथवा प्राय: त्रिशूल के आकार का होता है. इसे भवन के सबसे ऊपरी भाग पर लगा देते हैं. धातु की छड़ के दूसरे सिरे को नमी वाली भूमि में 6 -8 मीटर गहरा खोदकर कॉपर की प्लेट या रॉड से जोड़ देते हैं. जब आसमान से बिजली गिरती है तो ये रॉड कंडक्टिव पाथ बनाता है जिससे ये ऊपर से हाई वोल्टेज को अब्जॉर्ब कर लेता है. इसी वजह से हम सुरक्षित रहते हैं
झारखंड के कोडरमा जिले के अधिकतर स्कूलों में वज्रपात की घटनाओं से बचने के लिए लगाए गए तड़ित चालक या तो गायब हो गए हैं या फिर चोरी हो गए हैं. आश्चर्यजनक यह है कि मात्र 12 स्कूलों में ही तड़ित चालक बचा है. जानकारी के मुताबिक जिले के 385 विद्यालयों में तड़ित चालक लगाए गए थे, मगर विभागीय उदासीनता के कारण फिलहाल मात्र 12 विद्यालयों में ही तड़ित चालक बचा हुआ है.
Posted By: Sameer Oraon