क्या है ग्राम इंजीनियर कार्यक्रम? 165 प्रशिक्षुओं के लिए रांची में ग्रामीण उद्यमी दीक्षांत समारोह 13 को
Prabhat Khabar Explainer: राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि ग्राम इंजीनियर कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ‘स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था’ को मजबूत करना और गांवों से पलायन एवं आजीविका के अवसरों के लिए शहरों पर निर्भरता को कम करना है.
Prabhat Khabar Explainer: केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर गुरुवार को झारखंड की राजधानी रांची में रहेंगे. इस दौरान वह ग्रामीण उद्यमी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम (ग्राम इंजीनियर कार्यक्रम) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे. दीक्षांत समारोह में 165 प्रशिक्षु को प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस सभी को प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगे.
ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू पायलट प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन पर आधारित ग्रामीण उद्यमी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण युवाओं को विशिष्ट कौशल का अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है. मई 2022 में मध्यप्रदेश के भोपाल में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. जल्दी ही चार और राज्यों (छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र) को इसमें शामिल कर लिया गया. पहले चरण के दौरान 152 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 132 ने सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा किया और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
इन क्षेत्रों में लोगों को दिया गया प्रशिक्षण
अगले चरण (चरण 1.2) में चार राज्यों (मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सफलतापूर्वक प्रशिक्षण लेने वाले 165 लोगों को 13 अक्टूबर 2022 को प्रमाण पत्र दिये जायेंगे. इस चरण में पांच क्षेत्रों (बिजली और सौर ऊर्जा, कृषि मशीनीकरण, ई-गवर्नेंस, प्लंबिंग और चिनाई, दोपहिया वाहनों की मरम्मत और रखरखाव) में लोगों को प्रशिक्षित किया गया.
अगले चरण में गुमला की 153 महिलाओं का चयन
अगले चरण (चरण 1.3) में सिर्फ महिला समूहों के लिए जल्द ही अक्टूबर-नवंबर तक गुमला (झारखंड) में कार्यक्रम की शुरुआत की जायेगी. इसके लिए 153 महिलाओं का पहले ही पंजीकरण हो चुका है. राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि ग्राम इंजीनियर कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ‘स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था’ को मजबूत करना और गांवों से पलायन एवं आजीविका के अवसरों के लिए शहरों पर निर्भरता को कम करना है.
आदिवासी युवाओं को गांव के आसपास रोजगार देना है उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रोजगार/स्वरोजगार और उद्यमशीलता के लिए नये-नये अवसर पैदा करना है, ताकि आदिवासी युवा अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें. अपने लिए और दूसरों के लिए आजीविका के अधिक से अधिक अवसर पैदा कर सकें.
जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर को दिये ये निर्देश
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि इसी उद्देश्य से प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर को उपलब्ध संसाधनों और स्थानीय आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अपने जिले के लिए एक कौशल विकास योजना तैयार करने के लिए कहा गया है.