तीन वर्षों से थमे हुए हैं झारखंड की एकमात्र रक्तदान बस के पहिए
रक्तदान को बढ़ावा और रक्तदाताओं की सुविधा के लिए झारखंड को भारत सरकार से मिली एक मात्र रक्तदान बस तीन वर्षों से बेकार पड़ी है.
रांची. रक्तदान को बढ़ावा और रक्तदाताओं की सुविधा के लिए झारखंड को भारत सरकार से मिली एक मात्र रक्तदान बस तीन वर्षों से बेकार पड़ी है. इसका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा. इस बस का इस्तेमाल में नहीं होने से रक्तदान का बड़ा कार्य प्रभावित हो रहा है. क्योंकि रक्त की व्यवस्था करने के अभियान में इस बस का अहम योगदान था. इसमें रक्तदान के लिए तमाम सुविधाएं हैं. खासकर गर्मी के दिनों में यह बस रक्तदान के लिए काफी सुविधाजनक है, लेकिन तीन वर्षों से यह एनआरएचएम परिसर में खड़ी है. धीरे-धीरे बस की स्थिति जर्जर होती जा रही है. अधिकारियों का भी मानना है कि यह मोबाइल रक्तदान बस काफी उपयोगी है. पूरे झारखंड में यही एक मात्र रक्तदान बस है. यदि इसे दुरुस्त कर लिया जाये, तो रक्त संग्रह और अधिक हो पायेगा.
अगले साल मिलेगी नयी गाड़ी
स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पवन कुमार का कहना है कि इस बस की मरम्मत करायी जाती है, लेकिन इसमें फिर खराबी आ जाती है. अगले वर्ष नया वाहन मिल जायेगा. हाल में ही 75 हजार रुपये खर्च कर बस की मरम्मत करायी गयी है, लेकिन अब एसी खराब हो गया. हालांकि इस रक्तदान बस का लगभग 15 वर्ष हो चुका है. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय का कहना है 15 वर्ष पुरानी गाड़ियों का रिन्यूअल नहीं होना है. इधर, रक्त संग्रह के लिए हमारे छोटे वाहन काम कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है