…जब वेद मारवाह ने प्रोफेसरों से कहा कि सम्मानित पद है, पदाधिकारी बनने के लिए पैरवी मत कराइए
झारखंड में राज्यपाल रहे वेद मारवाह का निधन हो गया. वे 12 जून 2003 से नौ दिसंबर 2004 तक झारखंड के राज्यपाल रहे. एम रामा जोइस के बाद चौथे राज्यपाल के रूप में योगदान किया था. इनके निधन पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया है.
रांची : झारखंड में राज्यपाल रहे वेद मारवाह का निधन हो गया. वे 12 जून 2003 से नौ दिसंबर 2004 तक झारखंड के राज्यपाल रहे. एम रामा जोइस के बाद चौथे राज्यपाल के रूप में योगदान किया था. इनके निधन पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया है.
श्रीमती मुर्मू ने कहा है कि वे तीन राज्यों में राज्यपाल के रूप में सेवा प्रदान कर जन मानस में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है. लोकप्रिय व पुलिस बल के महान नेतृत्वकर्ता थे. प्रशासनिक कार्यशैली से कई चुनौतियों का कुशलतापूर्वक मुकाबला किया. जबकि मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा है कि उनके निधन की खबर से आहत हैं.
झारखंड में राज्यपाल बनने से पूर्व देश के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी सेवा दी थी. परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवार को इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति दे. श्री सोरेन ने ट्विट कर भी शोक जताया है. वेद मारवाह एक बार अर्जुन मुंडा सरकार को ही लॉ एंड ऑर्डर तथा बंद में सरकार के समर्थन पर ही सवाल खड़ा कर दिया था. वहीं कुलाधिपति के रूप में विवि को सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
रांची विवि के स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने वहां उपस्थित प्रोफेसर व शिक्षकों से कहा था कि ये पद बहुत सम्मानित हैं. लेकिन यहां के शिक्षक उच्च शिक्षा निदेशक बनने या पदाधिकारी बनने के लिए पैरवी कराते हैं. उन्होंने विवि में नियमित अॉडिट सहित पूर्व राज्यपाल प्रभात कुमार द्वारा टॉपरों की उत्तरपुस्तिका के डिस्प्ले कार्य को आगे बढ़ाने का निर्देश भी दिया था.
राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के रांची विवि के दीक्षांत समारोह में आगमन के दौरान राज्य के तत्कालीन शिक्षा सचिव अमित खरे के कार्यों से खुश हो कर राज्यपाल वेद मारवाह ने श्री खरे को अपना प्रधान सचिव नियुक्त कराया था.