हजारीबाग जेल में रखे दस्तावेजों को संरक्षित करने के लिए कब बनेगा अभिलेखागार : हाइकोर्ट
राज्य की जेलों में रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति पर हाइकोर्ट ने जतायी नाराजगी
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने मॉडल जेल मैनुअल बनाने व राज्य की जेलों की व्यवस्था में सुधार को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में रखे गये आजादी के पहले के ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए जेल में अभिलेखागार (रिकॉर्ड रूम) कब तक बन जायेगा. इसका काम कब शुरू होगा. खंडपीठ ने जेलों में रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति पर कड़ी नाराजगी जतायी. जेल जैसे संवेदनशील जगहों पर संविदा पर नियुक्ति क्यों की जा रही है. राज्य सरकार से पूछा कि जेलों में रिक्त पद कब तक भर दिया जायेगा. रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अब तक क्या-क्या प्रक्रिया अपनायी गयी है. खंडपीठ ने सभी बिंदुओं पर राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 29 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से मोहम्मद शहाबुद्दीन ने खंडपीठ को बताया कि हजारीबाग केंद्रीय कारा के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए आजादी के पहले के दस्तावेज को संरक्षित रखने को लेकर नेशनल आर्काइव के साथ सहमति बनी है. एजेंसी ऐतिहासिक दस्तावेज को सुरक्षित रखने के लिए हजारीबाग जेल में 240 दिन अभिलेखागार बनायेगी. झारखंड राज्य पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन ने अभिलेखागार बनाने के लिए 3.99 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बताया है. राशि स्वीकृति के लिए कारा विभाग ने गृह विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है. यह भी बताया गया कि जेलों में चिकित्सक के 42 स्वीकृत पद हैं. इसमें से सिर्फ दो पद भरा है, 40 पद खाली हैं. वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों के सभी छह पद रिक्त हैं. उल्लेखनीय है कि जेलों की व्यवस्था तथा मॉडल जेल मैनुअल लागू करने के मामले में हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि 1834 में स्थापित हजारीबाग स्थित केंद्रीय कारागार के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए उसके रिकॉर्ड को संरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं. केंद्रीय कारा हजारीबाग में स्वतंत्रता सेनानियों को रखा जाता था. कई ऐतिहासिक दस्तावेज उपलब्ध हैं. वर्ष 1911 के पूर्व के सभी ऐतिहासिक दस्तावेजों को संरक्षित करना चाहिए.
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