court news : वर्ष 1974 से राज्य में चल रहा भूमि सर्वे का काम कब तक पूरा होगा : हाइकोर्ट
मामला राज्य में दशकों से चल रहे भूमि सर्वे को पूरा कराने का
रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में वर्ष 1972-74 में शुरू किये गये भूमि सर्वे को पूरा करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. खंडपीठ ने रांची सहित राज्य में अन्य जगहों पर लंबे समय से चल रहे भूमि सर्वे का कार्य पूरा नहीं होने पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने मौखिक रूप से राज्य सरकार से पूछा कि भूमि सर्वे पूरा करने में क्यों विलंब हो रहा है. सर्वे का काम कहां-कहां पूरा हो गया है. कहां-कहां लंबित है. भूमि सर्वे का काम कब तक पूरा हो जायेगा. खंडपीठ ने शपथ पत्र के माध्यम से दो सप्ताह के अंदर जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 13 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि वर्ष 1932 में भूमि का सर्वे हुआ था. इसके बाद झारखंड में 1972 से भूमि सर्वे की प्रक्रिया शुरू हुई थी. प्रार्थी ने खंडपीठ से भूमि सर्वे के कार्य के लिए समय सीमा तय करने का आग्रह किया, ताकि भूमि की प्रकृति व मालिकाना हक में हेराफेरी नहीं हो सके. सर्वे होने से झारखंड में भूमि का रिकॉर्ड अप-टू-डेट होगा. सरकारी व वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री पर रोक लग सकेगी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोकुल चंद ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने भूमि सर्वे के कार्य को शीघ्र पूरा करने की मांग की है.
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