कनहर बराज परियोजना के लिए बजट का प्रावधान किया गया है या नहीं
राज्य सरकार के शपथ पत्र पर हाइकोर्ट ने जताया असंतोष
वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने गढ़वा में कनहर नदी पर प्रस्तावित कनहर बराज निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान माैखिक रूप से पूछा कि कनहर बराज परियोजना के लिए बजट प्रावधान किया गया है या नहीं. इस परियोजना को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए, ताकि उस क्षेत्र के खेतों को पानी मिल सके, क्योंकि गढ़वा व पलामू जिला सूखाग्रस्त इलाके है. खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब पर असंतोष जताते हुए पूछा कि 18 माह में जमीन अधिग्रहण व बराज निर्माण कार्य पूरा होने में पांच वर्ष की अवधि कब से मानी जायेगी, सरकार इसे स्पष्ट करे. कहा कि इससे पहले भी राज्य सरकार ने अपने शपथ पत्र में यही बातें कही थी. खंडपीठ ने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2004 में शुरू हुई थी, जो अब तक लंबित है. इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने एक अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने शपथ पत्र दायर कर बताया कि कनहर बराज परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में 18 माह का समय लग जायेगा. इसके बाद कनहर बराज निर्माण पूरा होने में पांच वर्ष का समय लगेगा. परियोजना के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस जल्द करने को लेकर मुख्य सचिव ने फिर से केंद्र सरकार से पत्राचार किया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी भानु प्रताप शाही ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने गढ़वा, पलामू के खेतों में सिचाई सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है.
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