court news : सरकार स्पष्ट करे कि झालसा के नये भवन बनाने में क्यों हो रही देर : हाइकोर्ट

भवन बनाने में देरी होने पर हाइकोर्ट ने जतायी नाराजगी

By Prabhat Khabar News Desk | August 28, 2024 12:36 AM
an image

वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्यभर की अदालतों व अधिवक्ताओं की पुख्ता सुरक्षा को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) के प्रस्तावित भवन के निर्माण में विलंब पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि वर्ष 2017 में इस भवन के निर्माण के लिए 48 करोड़ रुपये की तकनीकी स्वीकृति दी गयी थी, लेकिन निर्माण नहीं किया गया. निर्माण की लागत बढ़ कर 57 करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है. राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह झालसा के नये भवन को बनाने में देरी क्यों कर रही है. झालसा को जमीन भी राज्य सरकार की ओर से आवंटित की गयी है. कई वर्ष पूर्व उसकी चहारदीवारी भी हो चुकी है. निर्माण में देरी से लागत राशि में बढ़ोतरी हो रही है. नये भवन बनने में छह वर्षों की देरी हो चुकी है. जो पैसे खर्च होंगे, जनता की कमाई के पैसे हैं. नाराज खंडपीठ ने कहा कि यदि राज्य सरकार की ओर से विलंब का कारण स्पष्ट नहीं किया गया, तो मुख्य सचिव को बुलाया जा सकता है. खंडपीठ ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई के पूर्व जवाब दायर करने का निर्देश दिया. वहीं खंडपीठ ने राज्य भर के सिविल कोर्ट में आधारभूत संरचना, अधिवक्ताओं की सुरक्षा व उनकी समस्याओं के संबंध में झारखंड स्टेट बार काउंसिल को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने काउंसिल से पूछा कि जिलों के बार भवन में सुरक्षा की क्या-क्या कमी है, कहां-कहां भवन बनाने की जरूरत है, इन सारे विषयों में जवाब दाखिल की जाये. खंडपीठ ने केंद्र सरकार को आधारभूत संरचना के लिए फंड आवंटित करने के संबंध में जानकारी देने का निर्देश दिया. इससे पूर्व प्रार्थी हेमंत कुमार सिकरवार ने पैरवी की. वहीं बार काउंसिल की ओर से अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण व केंद्र सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पक्ष रखा, हाइकोर्ट की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया व झालसा की ओर से अधिवक्ता अतानु बनर्जी ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि अदालतों की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. वहीं अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने हजारीबाग सिविल कोर्ट परिसर में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की हत्या की घटना को लेकर जनहित याचिका दायर की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version