आग लगने से जंगली जानवरों को परेशानी
गर्मी में प्रतिदिन जंगलों में आग लगने के कारण एक ओर जहां मोर, बंदर, हाथी समेत अनेक जानवरों को अपना आश्रय छोड़कर भागना पड़ रहा है, वहीं जंगल से सटे आबादी वाले इलाकों में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है.
सिल्ली गर्मी में प्रतिदिन जंगलों में आग लगने के कारण एक ओर जहां मोर, बंदर, हाथी समेत अनेक जानवरों को अपना आश्रय छोड़कर भागना पड़ रहा है, वहीं जंगल से सटे आबादी वाले इलाकों में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. तापमान बढ़ने के साथ ग्रामीण घरों में आग लगने से आशंकित हैं. रांची-पुरुलिया मार्ग पर शनिवार को सिल्ली के कोचा जरा मोड़ के समीप सड़क किनारे ही जंगलों में किसी ने आग लगा दी. आधे ही घंटे में आग फैल कर एक ओर सड़क से दूसरी ओर रेलवे लाइन तक पहुंच गयी. इसी बीच कुछ ग्रामीणों के कुछ घर भी चपेट में आने से बच गये. आग तेजी से फैलकर घरों के समीप रखे पुआल गांज तक पहुंच गयी. हालांकि सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने पानी डालकर आग फैलने से रोका. महिलाओं ने बताया कि आग के धुएं से वातावरण दूषित होने के कारण इस इलाके में पिछले दो-तीन वर्षों से पलाश के पेड़ों पर होनेवाली लाह की खेती भी प्रभावित हो गयी है. इससे हम किसानों की आमदनी पर भी असर पड़ा है. प्रभारी फॉरेस्टर जय प्रकाश साहू से बात की तो उन्होंने कहा कि मेदनी में भी आग लग गयी है. जिसे बुझाने में व्यस्त है. अभी नहीं आ सकते हैं. विभाग का पक्ष : विभाग ने बताया कि शरारती लोग जंगल में अक्सर आग लगा दे रहे हैं. विभाग ऐसे लोगों को चिह्नित करने का प्रयास कर रहा है. पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. प्रभारी वनपाल जय प्रकाश साहू ने बताया कि आग लगने की सूचना सेटेलाइट से मिलती रहती है. आग बुझाने के लिए पर्याप्त लोग भी हैं, लेकिन एक साथ कई जगहों पर आग लगने पर समस्या हो जाती है. वन विभाग की ओर से लोगों से वनों में आग नहीं लगाने का आग्रह किया गया है.
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