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रांची में चल रहे हैं बिना निबंधन कई अस्पताल व रेडियोलॉजी, अब जिला प्रशासन करेगा कार्रवाई

क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट पूरी तरह से लागू नहीं हो पा रहा है. जिले में लगभग 518 छोटे- बड़े निजी अस्पताल-क्लिनिकों और रेडियोलॉजी सेंटर संचालित हो रहे हैं

झारखंड की राजधानी रांची में बिना निबंधन के ही कई अस्पताल व रेडियोलॉजी संचालित हो रहे हैं. इसमें कई बड़े अस्पतालों का नाम भी शामिल है. एक आंकड़ा के मुताबिक रांची जिले में लगभग 518 छोटे- बड़े निजी अस्पताल-क्लिनिकों और रेडियोलॉजी सेंटर संचालित हो रहे हैं. इनमें से महज करीब 297 निजी अस्पताल व क्लीनिकों ने ही स्वास्थ्य विभाग में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. इससे ये साफ जाहिर होता है कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट पूरी तरह से राज्य में लागू नहीं हो पाया

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के बाद भी रांची में करीब 121 सेंटरों ने एक्ट के तहत निबंधन नहीं कराया है और मरीजों का इलाज धड़ल्ले से कर रहे हैं. हालांकि, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू होने के बाद से ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) इसका लगातार विरोध करता रहा है.

पास रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 31 मई तक का समय दिया गया था. जिन संचालकों ने निबंधन नहीं कराया है, उन पर जिला प्रशासन व विभाग के द्वारा क्लिनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट की धारा 41 (1) के तहत आगे सख्त कार्रवाई की जायेगी.

इन अस्पतालों का निबंधन हो चुका है फेल :

मेडाल स्कैन्स एंड लैब्स रांची प्राइवेट लिमिटेड, प्रॉमिस हेल्थ केयर, पल्स संजीवनी हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, श्री जगन्नाथ हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर, लेक व्यू सेनेटोरियम नर्सिंग होम, द्वारिका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, आस्था क्लिनिक, नव्या क्लीनिक, एटूजेड डायग्नोस्टिक सेंटर, हेल्थ केयर डायग्नोस्टिक, हार्ट केयर क्लीनिक, लाइफलाइन पॉलीक्लिनिक एंड डायग्नोस्टिक सेंटर, लायंस क्लब रांची ईस्ट निरामया हॉस्पिटल,

शोभा चक्रवर्ती क्लिनिक, वर्मा क्लिनिक एंड रिसर्च सेंटर, स्पर्श हेल्थ केयर सेंटर, आरोग्यधाम आयुर्वेद, संत एनिज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, सूर्या क्लिनिक जननी, सुश्रुत दंतालय प्राइवेट लिमिटेड, टोटल होमियो केयर, डॉक्टर दास सर्जिकल, आयुष्मान नर्सिंग होम, एडवांस डेंटल क्लिनिक, अंजलि न्यूरो एंड स्पाइन क्लिनिक, भगवती क्लिनिक एंड मेटरनिटी होम, बुद्धा पॉलीक्लिनिक, सिटी डेंटल क्लिनिक एंड आर्थोंडोंटिक सेंटर, हैपी टूथ डेंटल केयर एंड डायग्नोस्टिक सेंटर,

गौरव ऑर्थो सेंटर, हरगोविंद नर्सिंग होम, हेल्थ एलिमेंट डायग्नोस्टिक, हिंडालको हेल्थ सेंटर, एचआरडी पैथोलॉजी लैबोरेट्री एंड रिसर्च सेंटर, हरदयालया पॉलीक्लिनिक एंड डायग्नोस्टिक सेंटर, इकरा डायग्नोस्टिक सेंटर, जयराम हॉस्पिटल, कुमार हेल्थ केयर, मां विंद्रा डेंटल क्लिनिक, मधुर क्लिनिक, मानसा हॉस्पिटल, नेत्र क्रांति कैटरेक्ट एंड कॉर्निया आइ केयर,

न्यू बिरसा नर्सिंग होम, ओम नर्सिंग होम एंड रिसर्च सेंटर, ओम साई इंटरप्राइजेज, ऑक्सफोर्ड हॉस्पिटल, पी नारायण नेत्रालय, पिनेकल डायग्नोस्टिक सेंटर, पूनम क्लीनिक, प्रसाद हेल्थ केयर, प्रतिमा डेंटल केयर एंड इंप्लांट सेंटर, प्रीति क्लीनिक, आरपी मेमोरियल डायलसिस सेंटर, आरपी मेमोरियल डायग्नोस्टिक सेंटर, आरसी मिश्रा क्लिनिक, रेडियम डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग, राज ट्रस्ट हॉस्पिटल रांची, रंजन डेंटल क्लिनिक, रातू क्लिनिक, रॉयल डेंटल क्लिनिक, रॉयल हॉस्पिटल, सहज संध्या क्लीनिक.

इनका भी निबंधन फेल :

सहाय क्लिनिक, श्री सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सिंह क्लिनिक, सिंहपुर नर्सिंग होम, सोमा नर्सिंग होम, एसएस डायग्नोस्टिक, ताज नर्सिंग होम, द बायो कमेस्ट्री लैब सर्विसेज, उमा डेंटल क्लिनिक, विभा डायग्नोस्टिक सेंटर, वेलकेयर क्लिनिक, वीमेंस क्लिनिक, प्रतिमा डेंटल केयर एंड इंप्लांट सेंटर, डेंटल लाइफलाइन, दयावंती डेंटल क्लिनिक, सिटी डायग्नोस्टिक, हैप्पी टूथ मल्टीस्पेशलिटी डेंटल क्लिनिक, आस्था क्लिनिक, एसआइ मल्टीस्पेशलिटी डेंटल क्लिनिक,

एडवांस डेंटल क्लिनिक, फेसिया मल्टीस्पेशलिटी डेंटल क्लिनिक, मां वृंदा डेंटल क्लिनिक, मेडी केयर डेंटल क्लिनिक, इजी डेंटल क्लिनिक, ओम डेंटल क्लिनिक, एलएस डेंटल केयर, एडवांस डेंटल एंड एस्थेटिक केयर सेंटर, डेंटल वर्ल्ड रांची, श्री तिरुपति डेंटल क्लिनिक एंड इंप्लांट सेंटर, नादिया डेंटल क्लिनिक, डायनमिक डेंटल केयर, पल्लवी डेंटल क्लिनिक, सिटी डेंटल क्लिनिक एंड आर्थोडोंटिक सेंटर, मां श्री डेंटल क्लिनिक, मेट्रो डायग्नोस्टिक, राज हेल्थ केयर क्लिनिक, रेमेडी हेल्थ केयर और मेहर जीवन नर्सिंग होम एंड डेंटल हॉस्पिटल.

निबंधन की समय सीमा समाप्त, अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ऐसे संस्थानों पर करेगा कार्रवाई

जिले में लगभग 518 छोटे- बड़े निजी अस्पताल, क्लिनिक और रेडियोलॉजी सेंटर हैं संचालित

इन सभी संस्थानों को क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन एक्ट 2010 के तहत निबंधन कराना अनिवार्य है. हमने समय दिया था. अब निबंधन नहीं करानेवाले सेंटर को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी.

डॉ. विनोद कुमार, सिविल सर्जन, रांची

Posted By: Sameer Oraon

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