प्रसव के बाद इलाज के दौरान महिला की मौत, चिकित्सकों पर गैर इरादतन हत्या का केस

हटिया टोनको रोड निवासी चेतन वर्णवाल की पत्नी सोनी कुमारी वर्णवाल की प्रसव के बाद इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस मामले में महिला के पति की शिकायत पर गैरइरादतन हत्या और इलाज में लापरवाही के आरोप में चिकित्सकों पर केस दर्ज किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 29, 2024 12:52 AM

रांची. हटिया टोनको रोड निवासी चेतन वर्णवाल की पत्नी सोनी कुमारी वर्णवाल की प्रसव के बाद इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस मामले में महिला के पति की शिकायत पर गैरइरादतन हत्या और इलाज में लापरवाही के आरोप में चिकित्सकों पर केस दर्ज किया गया है. इसमें हरमू आस्था मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल की चिकित्सक डॉ सुनीता मिश्रा और पारस अस्पताल के डॉ असीम पॉल को आरोपी बनाया गया है. शिकायतकर्ता के अनुसार, वह गर्भवती पत्नी का इलाज पहले से डॉ सुनीता मिश्रा से करा रहे थे. इस दौरान चिकित्सकों ने कभी किसी समस्या की जानकारी नहीं दी. 27 मार्च को प्रसव पीड़ा होने पर शिकायतकर्ता ने पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया. इस दौरान सीजर पैकेज के बारे में बताकर अग्रिम 25 हजार रुपये जमा कराये गये. शाम 7:00 बजे महिला ने सिजेरियन से एक पुत्र को जन्म दिया. तब चिकित्सकों ने कहा कि मां और बेटा दोनों ठीक हैं. लेकिन दो घंटे बाद शिकायतकर्ता को बताया गया कि उनकी पत्नी का यूरीन पास नहीं होने से पूरा शरीर फूल गया है. इसलिए महिला को पारस अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां महिला को भर्ती करने के बाद चिकित्सकों ने बताया कि महिला को इंफेक्शन हो गया है और उनका किडनी काम नहीं कर रहा है. यहां डायलिसिस होने के बाद महिला की स्थिति बिगड़ती चली गयी. यहां इलाज में दो लाख 50 हजार रुपये का बिल थमाया गया. इसके बाद शिकायतकर्ता ने पत्नी को रिम्स में भर्ती कराया. यहां के चिकित्सकों ने बताया कि महिला को सेप्सिस हो गया है. पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल चुका है. इस वजह से किडनी, लीवर और फेफड़ों ने काम करना बंद दिया है. दो अप्रैल को महिला को वेंटिलेटर में रखा गया. इसके बाद शिकायतकर्ता पत्नी को बेहतर इलाज के लिए एंबुलेंस से धनबाद ले जाने लगे. इसी दौरान महिला की मौत हो गयी. शिकायतकर्ता के अनुसार, उनकी पत्नी की मौत चिकित्सकों द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने की वजह से हुई है. इस संबंध में महिला चिकित्सक डॉ सुनीता मिश्रा ने कहा कि महिला का प्रसव पूरी तरह सुरक्षित तरीके से कराया गया था. महिला बीपी की मरीज थी, इसलिए किडनी पर असर पड़ा और यूरीन बंद हो गया. डायलिसिस के लिए महिला को हायर सेंटर भेजा गया. इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गयी है. आरोप गलत और निराधार है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version