शिक्षा से महिलाओं की दशा और दिशा बदली जा सकती है. शिक्षा के दम पर महिलाओं ने अपनी पहचान बनायी है. महिलाओं के लिए शिक्षा सबसे जरूरी है. तभी वह खुद अपने फैसले ले सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं. वहीं युवतियों की शिक्षा में सहयोग करने की जरूरत है. हम महिलाओं को भी अपने आसपास की बच्चियों की शिक्षा के लिए कदम बढ़ाना चाहिए. समाज में आज भी बेटा-बेटी के बीच परिवार में भेदभाव किया जाता है, जिसे खत्म करने की जरूरत है.
महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त बनाना जरूरी है, ताकि वह डिसीजन मेकर बन सके. आपका रोजगार आपकी ताकत है, जो आपका आत्मविश्वास बढ़ाती है. यह आम राय महिला दिवस पर प्रभात खबर के द्वारा आयोजित परिचर्चा में उभर कर आयी. इसमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं ने हिस्सा लिया. परिचर्चा में प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और कार्यकारी संपादक झारखंड अनुज सिन्हा भी उपस्थित थे.
इस मौके पर महिलाओं ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी भी साझा की. साथ ही कई अहम सुझाव दिये. परिचर्चा में झारखंड के परिदृश्य में महिलाओं से जुड़े अहम मुद्दों पर खुलकर चर्चा की गयी. इस अवसर पर महिला सुरक्षा, महिला स्वावलंबन के प्रयास, महिलाओं का घर व जमीन पर मालिकाना हक, महिलाओं के पास अपना खाता है या नहीं , ग्रामीण महिलाएं अभी भी फोन से वंचित, महिलाओं पर होनेवाली हिंसा की रोकथाम जरूरी, ग्रामीण महिलाओं की स्थिति , गर्भधारण के समय महिलाओं पर अत्याचार , मासिक धर्म के समय स्वच्छता को लेकर ग्रामीण महिलाओं की स्थिति जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया.
स्त्री सुरक्षा की शिक्षा सर्वप्रथम बेटों को घर से देनी चाहिए. जिससे वह अपनी बहन, मां, पत्नी और बेटी को सम्मान व अधिकार दे सकें. भारतीय कानून को नारी सुरक्षा के प्रति और ज्यादा कठोर होना चाहिए. ग्रामीण महिलाओं को हर तरह की शिक्षा देनी चाहिए. जिससे वह ज्ञान के साथ अपनी लड़ाई लड़ पायें. – डॉ नेहा रानी, डर्मोलॉजिस्ट
हर महिला में हुनर होता है. उस हुनर को उभारने की जरूरत है. आपकी हुनर आपको पहचान देगी. बेटियों को शिक्षित बनाना सबसे ज्यादा आवश्यक है, तभी वह आत्मनिर्भर बन सकेंगी. महिला सशक्तीकरण के लिए हम सबको आगे आना होगा. इसके लिए परिवार और समाज को भी पहल करने की जरूरत है. – पायल जैन : पूर्व अध्यक्ष , जितो झारखंड चैप्टर
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए घर से ही शुरुआत करनी होगी. उन्हें बचपन से ही मजबूत बनाने की जरूरत है. आज बेटियों को सशक्त बनाने के लिए सरकार और संगठनों के द्वारा कई तरह के प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं. बेटियों को प्रशिक्षण का लाभ मिल सके, इसके लिए हम सबको पहल करने की जरूरत है. – रीना अग्रवाल, समाज सेवी
महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता मिलनी चाहिए. जिससे भविष्य में अगर कोई व्यक्तिगत समस्या आये, तो वह किसी के दबाव में आकर अपना जीवन बरबाद नहीं करें. महिलाओं को चाहिए कि वह घरेलू हिंसा को बर्दाश्त नहीं करें. उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. – आरती तिर्की, वीआइपी एटेंनडर , भुवनेश्वर एयरपोर्ट
महिलाओं को अवसर देने की जरूरत है, ताकि वह अपनी जिंदगी के फैसले स्वयं ले सकें. यदि महिलाएं अपने जीवन के फैसले खुद लेने लगेंगी, तो उनकी पहचान बन सकेगी. महिलाओं में बहुत ताकत होती है और उस ताकत को सामने लाने की जरूरत है. -पल्लवी शोकर, बिजनेस वीमेन
ग्रामीण महिलाओं के बीच जाकर उनके हक और अधिकार का अलख जगाना चाहिए, ताकि वह मानसिक रूप से भी मजबूत बन सकें. साथ ही खुद पर होनेवाली हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर सकें. गांव और घर की बेटियों को बेसिक शिक्षा का महत्व समझाना होगा ताकि वह स्वावलंबी बन सकें. साथ ही अपने पैरों पर खड़ी हो सकें. -सुषमा सिंह, समाज सेविका, व्यवसायी