Jharkhand News, Ranchi News, रांची न्यूज : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में झारखंड के रांची जिले के कांके प्रखंड अंतर्गत कुम्हरिया गांव के चमन महिला विकास संघ को बेहतर कार्यों के लिए सम्मानित किया गया. इस सम्मान समारोह में देशभर में क्रियाशील सखी मंडलों में से सबसे बेहतर एवं सुचारु रूप से चल रहे 30 सखी मंडलों को सम्मानित किया गया. इसमें से झारखंड के चमन महिला विकास संघ भी एक है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 30 सखी मंडल को सम्मानित किया. सखी मंडल की सभी 10 सदस्यों ने अर्सण्डेय पंचायत भवन में ऑनलाइन रूप से सम्मान प्राप्त किया. ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बेस्ट परफॉरमिंग सखी मंडल को एक लाख रुपये एवं प्रमाण पत्र राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में उपलब्ध कराती है. जल्द ही यह राशि चमन महिला विकास संघ सखी मंडल को उपलब्ध करा दिया जायेगा.
सम्मान मिलने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए चमन महिला विकास संघ की महिलाओं ने कहा कि इस सम्मान को पाकर हम सभी काफी उत्साहित हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समारोह में भाग लेकर हमें देश के अन्य राज्यों की सखी मंडलों के बारे में भी जानकारी मिली. साथ ही उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों से हमे प्रेरणा भी मिली जिससे हम और भी बेहतर काम कर सकते हैं.
ऑनलाइन सम्मान समारोह में शामिल चमन महिला विकास संघ की अध्यक्ष चांदनी देवी बताती हैं कि इस पुरस्कार से हम सभी महिलाओं का हौसला बढ़ेगा एवं गांव- समाज के लिए हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ेगी, जिसे हम पूरा करेंगे. उनके मुताबिक इस पुरस्कार से राज्य की दूसरी सखी मंडल की दीदियों को और अच्छा काम करने का प्रेरणा मिलेगा.
समारोह में गुमला जिले की बैंकिंग कॉरेस्पोंटेंड सखी दिव्या देवी एवं बोकारो जिले की आजीविका पशु सखी रजनी देवी ने भी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपने अनुभव साझा किये एवं राज्य में सखी मंडल की बहनों के जरिये जो बदलाव की कहानी लिखी जा रही है उसका जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया.
आजीविका मिशन के अंतर्गत चमन महिला विकास संघ का गठन वर्ष 2013 में हुआ था. 10 महिलाओं का यह समूह आज झारखंड की लाखों ग्रामीण महिलाओं के लिए महिला सशक्तीकरण के मिसाल के रूप में मौजूद है. इन महिलाओं ने ना सिर्फ अपनी आर्थिक और सामाजिक पहचान बनायी है, बल्कि आज ये अपने गांव की भी पहचान बन गयी है. चमन महिला विकास संघ की अध्यक्ष चांदनी देवी बताती हैं कि सखी मंडल के गठन से पहले हम सभी महिलाएं अपने घर- परिवार में ही व्यस्त रहते थे. गांव- घर से बाहर भी कोई दुनिया है, इसकी जानकारी तक हमें नहीं थी, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद सबसे पहले हमें आर्थिक मजबूती मिली.
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चांदनी देवी ने कहा कि महिलाएं जो पहले अपनी छोटी- छोटी जरूरतों के लिए अपने परिवार पर निर्भर रहते थे, समूह से जुड़ने के बाद हम खुद बचत के माध्यम से अपने परिवार की छोटी- छोटी जरूरतों को सक्षम होने लगीं. धीरे-धीरे समूह के माध्यम से ही हमें आजीविका के साधन भी उपलब्ध होने लगे जिससे हमें नियमित आमदनी प्राप्त होनी शुरू हो गयी.
साथ ही, समूह के माध्यम से हमें गांव में भी पहचान मिलनी शुरू हो गयी. अब गांव के हर छोटे- बड़े विकास कार्य या किसी भी संबंधित समस्या में हम महिलाओं की भी राय ली जाती है. आज जो यह राष्ट्रीय सम्मान हमें मिल रहा है वो अकेले हमें नहीं बल्कि हमारे राज्य की हर सखी मंडल की सभी महिला को समर्पित है.
चमन महिला विकास संघ की 10 सदस्यों में से 6 महिलाएं खेती के जरिये अपनी आजीविका कमा रही हैं. पहले जहां खेती से इन महिलाओं के परिवारों को दो वक्त का भोजन भी मिलना दूभर था. आज वही महिलाएं खेती के जरिये हर साल 1.5 लाख से 2 लाख रुपये की आमदनी कर रही हैं.
समूह की सचिव सुमन देवी टपक सिंचाई के जरिये खेती कर अपनी आय बढ़ा रही है. सुमन देवी अपने अनुभव साझा करते हुए बताती है कि पहले खेती करने में पैसे की कमी सबसे बड़ी समस्या थी. समूह के जरिये आर्थिक सहायता एवं क्रेडिट लिंकेज आदि के माध्यम से आसन ऋण के जरिये हमारी ये समस्या खत्म हो गयी. अब पैसे के अभाव में खेती करने में कोई परेशानी नहीं होती. वहीं, दूसरी ओर समूह, ग्राम संगठन और गांव की आजीविका कृषक मित्र की मदद से हमें खेती में आधुनिक एवं नयी- नयी जानकारियां भी प्राप्त होती हैं जिससे हमारी उपज और आजीविका को बढ़ावा मिला है.
समूह के माध्यम से महिलाओं को ना सिर्फ आर्थिक मजबूती और आजीविका के साधन उपलब्ध हो रहे हैं, बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में उन्हें समाज में पहचान और प्रतिनिधित्व मिल रहा है. चमन महिला विकास संघ की महिलाओं ने अपने गांव की बेहतरी की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं. शराबबंदी, स्वच्छता अभियान जैसे सामाजिक मुद्दों से लेकर गांव में पत्थर खदान को बंद करवाने में इन महिलाओं ने अपनी अहम भूमिका निभायी.
बताया गया कि कुम्हरिया गांव में वर्ष 2017 में पत्थर खदान शुरू हुआ. इसके कारण समय- असमय गांव वालों को खदान कार्य में होने वाले धमाकों से परेशानी शुरू हो गयी. गांव के घर खदान कार्य के चलते कमजोर हो रहे थे. वहीं, पत्थर खदान प्राइमरी विद्यालय के पास स्थित था जिसके कारण कभी-कभी बच्चों को उड़ते हुए पत्थर के टुकड़ों से चोट भी लग जाती थी. तब चमन महिला विकास संघ की महिलाओं ने एकजुट होकर पत्थर खदान को बंद कराने का निर्णय लिया और लंबे संघर्ष के बाद वर्ष 2018 में इन महिलाओं के समग्र प्रयास से पत्थर खदान को बंद कर दिया गया.
समारोह को संबोधित करते हुए करते हुए केंद्रीय मंत्री साधवी निरंजन ने देश भर की महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके बेहतर भविष्य की कामना की. इस दौरान उन्होंने कहा महिलाएं हमारे देश की आधार है और उनकी कार्यनिष्ठा के आगे हम सभी नतमस्तक हैं. कोविड संक्रमण और तालाबंदी के दौरान हमारे देश के सखी मंडल की महिलाओं ने एकजुट होकर मास्क, सैनिटाइजर और विभिन्न बचाव कार्य में जो भूमिका निभायी है, वो अतुलनीय एवं प्रशंसनीय है. वहीं, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा ने भी महिलाओं को बधाई देते हुए देशभर की अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा लेने की सलाह दी.
Posted By : Samir Ranjan.