महिला दिवस सप्ताह : महिला मेट व लाभार्थी हुए सम्मानित, महिला सशक्तीकरण पर क्या बोले मंत्री आलमगीर आलम

Jharkhand News: ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए जरूरी है कि महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ाई जाए. किसी भी समाज, देश एवं राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है और ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये कई कार्यक्रम चला रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2022 7:59 PM

Jharkhand News: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने प्रोजेक्ट भवन में कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसी का नतीजा है कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. वह चाहे महिला जनप्रतिनिधि हों या एसएचजी, महिला श्रमिक अथवा महिला मेट. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, समानता, स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता का समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने महिला मेट एवं लाभार्थियों के सम्मानित किया.

विकास में महिलाओं की भागीदारी जरूरी

मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए जरूरी है कि महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ाई जाए. किसी भी समाज, देश एवं राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है और ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये कई कार्यक्रम चला रहा है, जिससे उनका आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान हो सके. विभाग की ओर से लगातार कई ऐसे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिससे उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा सके ताकि उनके जीवन में खुशहाली आये साथ ही वे स्वावलंबी बनें. महिलाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनें, यह सरकार की सोच है. उन्होंने कहा कि समाज में नारी शक्ति के उत्थान के बिना किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. एक महिला के विकास का मतलब एक पूरे परिवार का विकास है और इसलिए समाज के हर वर्ग को महिला उत्थान की दिशा में अपना सक्रिय एवं सार्थक योगदान देना चाहिए.

Also Read: टाटा स्टील में मानवाधिकार कमेटी गठित, एमडी होंगे चेयरमैन, कौशिक चटर्जी बनाये गये वैकल्पिक चेयरमैन
50 लाख से अधिक परिवारों को दिये गये जॉब कार्ड

मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि महिला मेट एवं लाभार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है. यह विभाग के लिये हर्ष की बात है. झारखंड में 50 लाख से अधिक परिवारों को जॉब कार्ड दिया गया है, उसमें से 21 लाख से अधिक महिलाएं निबंधित हैं. पूरे राज्य में 4.8 करोड़ मानव दिवस सृजन किया है. महिलाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी दीदी बाड़ी योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना से जुड़ कर महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं. सरकार की सोच है कि महिलाओं की आजीविका के साधन को बढ़ाया जाये. मनरेगा के अंतर्गत चलने वाली कई योजनाओं से महिलाओं को रोजगार और स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त हुआ है. महिलाएं दीदी बाड़ी योजनाओं में कार्य कर कूप निर्माण एवं अन्य योजना से लाभान्वित होकर अपने परिवार का सहारा बन रही हैं. इससे उनमें एक नया आत्मविश्वास उभर रहा है. उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी होने में मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर सकती हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को संवार सकती हैं. ग्राम स्तर पर ऐसी हजारों महिलाओं ने आज अपने भविष्य को संवारने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है.

जेएसएलपीएस का महत्वपूर्ण योगदान

झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के सीईओ सूरज कुमार ने कहा कि पूरे राज्य में सखी मंडल का गठन किया जा रहा है. इन सखी मंडल के माध्यम से कई कार्य किये जा रहे हैं, जिनसे महिलाएं आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बन रही हैं. महिला सशक्तीकरण की दिशा में जेएसएलपीएस महत्वपूर्ण योगदान निभा कर महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहायक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस के तहत पलाश ब्रांड को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं. आने वाले दिनों में पलाश ब्रांड एक बेहतरीन ब्रांड के तौर पर उभर कर सामने आयेगा.

Also Read: Jharkhand News: महिला मंडल के वार्षिक महाधिवेशन में महिलाओं ने पढ़ा कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता का पाठ
महिला मेट एवं लाभार्थियों के अनुभव

महिला मेट एवं लाभार्थियों ने अपने अनुभव एवं विचार साझा किए. गुमला जिले के बसिया प्रखंड की लाभार्थी विश्वासी कुजूर ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लेकर आज वह स्वावलंबी बन रही हैं. मनरेगा के तहत दीदी बगिया योजना का लाभ लेकर आज पशुपालन से जुड़ी हुई हैं. मुर्गी पालन, बत्तख पालन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. वे कहती हैं कि अब वह आसानी से अपनी आजीविका चला रही हैं. खूंटी के तोरपा की महिला मेट एतवारी देवी कहती हैं कि मनरेगा से जुड़ने के पहले परिवार की आर्थिक स्थिती दयनीय थी. परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थीं. मनरेगा मेट के रूप में जुड़ने के बाद उनकी आय में भी वृद्धि होने लगी. मनरेगा के तहत आम बागवानी एवं अंतर कृषि कर उनकी आय में बढ़ोत्तरी होने लगी. कार्यक्रम में महिला मेट एवं महिला लाभार्थियों का उत्सव से संबंधित पुस्तक का विमोचन भी किया गया.

Also Read: हूल का शंखनाद महाधरना में बोले बाबूलाल मरांडी, सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लोगों में है आक्रोश
इन्हें मिला सम्मान

इस अवसर पर कई महिला मेट एवं लाभुकों को मंत्री आलमगीर आलम ने सम्मानित किया. बेड़ो प्रखंड की रुकसाना खातुन, सोनाहातू की माहेश्वरी देवी, तोरपा की एतवारी देवी, रनिया की ममता देवी, घाघरा, गुमला की सीता देवी, कैरो की संगीता देवी, किस्को की रशिदा खातुन, पतरातु की रेखा देवी एवं माण्डू की रूपा देवी शामिल थीं. लाभार्थियों में पूनम देवी,निर्मला देवी,पुष्पा देवी, विश्वासी कुजूर,रिंकी देवी,सुमनती तिग्गा आदि थीं. कार्यक्रम में जलछाजन के सीईओ विनयकान्त मिश्रा , ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव रंजीत रंजन प्रसाद, अवर सचिव चन्द्रभूषण समेत कई पदाधिकारी, विभिन्न जिलों से आई महिला मेट एवं लाभार्थी उपस्थित थे.

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version