VIDEO: महिला आरक्षण बिल पर रांची में क्या बोलीं कांग्रेस नेता रागिनी नायक?
अखिल भारतीय कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक ने रांची के कांग्रेस भवन में सोमवार को मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल पर हिन्दुस्तान की आधी आबादी नज़रें गड़ायी थी, लेकिन जनगणना और परिसीमन की बात कहकर पीएम ने 2029 तक इस बराबरी के दर्जे को टाल दिया.
अखिल भारतीय कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक ने रांची के कांग्रेस भवन में सोमवार को मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल पर हिन्दुस्तान की आधी आबादी नज़रें गड़ायी थी, लेकिन जनगणना और परिसीमन की बात कहकर पीएम ने 2029 तक इस बराबरी के दर्जे को टाल दिया. यह बिल्कुल एक तरह से चुनावी जुमला साबित होगा, जिस तरह से किसानों की आय दोगनी करने, बुलेट ट्रेन लाने, सभी के खाते में 15 लाख डालने की बात कही गयी थी. 1989 में राजीव गांधी ने कहा था कि मेरा बहुत बड़ा सपना है कि पुरूष और महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर चलें. 33 प्रतिशत आरक्षण लागू होने ही वाला था, लेकिन राज्यसभा में बीजेपी के ही 4 वोटों से यह बिल पास नहीं हो सका था. यही हाल आगे भी रहा. हमारे पास बहुमत नहीं था, इसलिए यह बिल पास नहीं हो सका, लेकिन बीजेपी तो बहुतमत से आई. फिर आज से 7 साल तक बीजेपी ने चुप्पी क्यों साध रखी थी? सोनिया गांधी पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर याद दिलाती हैं, लेकिन कोई बात नहीं सुनी गई. राहुल गांधी 2019 में पीएम मोदी को फिर याद दिलाते हैं, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता है. फिर अचानक से ऐसा क्या हो गया कि विशेष सत्र बुलाकर ये बिल पास किया गया. ये सिर्फ 2024 के लिए चुनावी स्टंट है. चूंकि इंडिया और भारत पर बहस से बीजेपी को कोई फायदा हुआ नहीं. ऐसे में ये विशेष सत्र बुलाया गया. अब ये आरक्षण 16 साल और आगे जा चुका है. 2039 के चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन संभव ही नहीं है. ऐसे में यह मात्र झुनझुना साबित होने वाला है. बीजेपी की तरफ से कभी जातीय जनगणना की भी पहल नहीं की गई. यह बात उनकी पार्टी की महिलाओं के द्वारा ही रखी जा रही है, लेकिन पीएम मोदी उनकी भी बात नहीं सुन रहे हैं.