प्रतिनिधि, डकरा कोयला उत्पादन कार्य से जुड़े अधिकारियों को माइनिंग के साथ-साथ सोशल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य करने की जिम्मेदारी साथ लेकर चलना होगा. सोशल इंजीनियरिंग का क्षेत्र कोयला कामगारों के साथ-साथ स्थानीय निवासी, ग्रामीण, रैयत और विस्थापित परिवार भी होना चाहिए. उक्त बातें सीसीएल सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह ने एनके एरिया के अधिकारियों के साथ बैठक में कही. श्री सिंह बतौर सीएमडी पहली बार एनके एरिया आने के बाद वे पूरे दिन कोयला खदानों का निरीक्षण करने, खदानों में काम करनेवाले लोगों से मिलने, श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों से सुझाव पर चर्चा करने और पत्रकारों से बातचीत करने के बाद अंत में फिर से अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बैठक में स्मार्ट इंजीनियरिंग, रिस्पांसिबल सोशल इंजीनियरिंग के तरीके सीखाये. कहा कि ऐसा वर्क कल्चर डेवलप कर हम समाज में अपना एक बेहतरीन छाप छोड़ पायेंगे, जिसका सकारात्मक असर कोयला खदानों पर भी दिखेगा. कहा कि कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के इतने वर्षों बाद भी अगर स्थानीय लोग पानी, सड़क और चिकित्सा जैसी बुनियादी समस्याओं को उठाते हैं तो यह शर्मनाक स्थिति है. ऐसे मामले को हमलोग पूरी जिम्मेदारी के साथ निराकरण करें. इसके लिए जिस तरह की भी आवश्यकता पड़े, सीधा मुझसे संपर्क करें. मैं मदद के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा है कि किसी समस्या का समाधान करने के लिए तत्काल कोई योजना बनाने के बजाय, अगले 15-20 साल को ध्यान में रखकर योजना बनायें तो हम बेहतरीन माहौल क्षेत्र में बना सकेंगे. उन्होंने केंद्रीय विद्यालय और डकरा अस्पताल की समस्या का विशेष रूप से उल्लेख किया. कहा कि सभी लोग मिलकर काम करें, ताकि बेहतरीन अस्पताल और विद्यालय बनाया जा सके. सीसीएल के नये सीएमडी के शुरुआती पॉजिटिव अप्रोच को लेकर क्षेत्र में काफी उत्साह दिख रहा है. क्षेत्र में व्याप्त कई समस्याओं को लेकर प्रबंधन के विरुद्ध आंदोलन की रणनीति पर काम कर रहे सभी श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने भी सीएमडी के साथ हुई चर्चा की प्रशंसा की.
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