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आर्गेनिक फॉर्मिंग अथॉरिटी ऑफ झारखंड के कार्यों की होगी जांच, बिना टेंडर के 54 करोड़ का काम देने का है आरोप

organic farming training in ranchi : बिना टेंडर के 54 करोड़ का काम देने का है आरोप. कृषि सचिव ने दिया आदेश, जिला स्तर पर कमेटी बना कर होगी जांच. आर्गेनिक फॉर्मिंग अथॉरिटी ऑफ झारखंड के कार्यों की होगी जांच, बिना टेंडर के 54 करोड़ का काम देने का है आरोप.

organic farming in jharkhand रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बक्कर सिद्धीख ने उद्यान निदेशालय और आर्गेनिक फॉर्मिंग अथॉरिटी ऑफ झारखंड (ओफाज) ( OFAJ ) के कार्यों की जांच के आदेश दिया है. सचिव को उद्यान निदेशालय में किसानों को बिना टेंडर के करीब 13 करोड़ तथा ओफाज में 41 करोड़ रुपये का काम दिये जाने की शिकायत मिली है. इसकी जांच के लिए उन्होंने तीन सदस्यीय कमेटी बनायी है. कमेटी किन-किन बिंदुओं पर जांच करेगी, यह भी तय कर दिया गया है.

जिस-जिसे जिले में गड़बड़ी की शिकायत है, वहां के उपायुक्त द्वारा नामित अपर समाहर्ता या अपर जिला दंडाधिकारी कमेटी के अध्यक्ष होंगे. संबंधित प्रमंडल के संयुक्त कृषि निदेशक और संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा नामित एक कार्यपालक अभियंता सदस्य होंगे. कमेटी 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट कृषि विभाग को सौंपेगी.

पांच साल के स्कीम की होगी जांच

उद्यान निदेशालय द्वारा पिछले पांच साल में कराये गये कार्यों की जांच करने का आदेश सचिव ने दिया है. सभी जिलों में उद्यान निदेशालय, राष्ट्रीय बागवानी मिशन तथा ओफाज द्वारा कराये गये पॉली हाउस निर्माण, सब्जी उत्पादन इकाई, युगल शेड नेट हाउस, पैकेजिंग हाउस, नर्सरी आदि निर्माण की जांच होगी. पिछले पांच साल में किस योजना से क्या-क्या निर्माण हुआ, इसकी भी जांच

आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए चयनित संस्था के चयन के आधार की जांच होगी. इस संस्था को कब-कब कितनी राशि का भुगतान हुआ, इसकी भी जांच होगी. आधारभूत संरचना के निर्माण के बाद उसके भौतिक सत्यापन की जांच करने को कहा गया है. उपयोगिता और अद्यतन स्थिति की जानकारी भी जांच के बाद मांगी गयी है.

आर्या बायोटेक्नोलॉजी के बारे में विस्तृत जांच का आदेश :

सचिव ने ओफाज में किये गये कार्यों के लिए आर्या बायोटेक्नोलॉजी के प्रोपराइटर का नाम, संस्थान के कार्यालय का पूरा नाम और पता की जानकारी जांच समिति को लेने को कहा है. 2018-19 में निर्देशों के अनुसार, योजना का क्रियान्वयन हुआ है या नहीं, इसका भी पता करने को कहा गया है. किसानों के बीच वितरित किये जाने वाले सामग्री का क्रय किये जाने के लिए अपनायी गयी प्रक्रिया, आपूर्तिकर्ता संस्थान का नाम, पता, चयनित संस्था की सूची की जानकारी मांगी गयी है.

आपूर्तिकर्ता संस्थान द्वारा बांटी जानेवाली सामग्री की प्राप्ति के स्त्रोत की जानकारी मांगी गयी है. लाभुकों के बीच किस प्रकार की सामग्री का वितरण किया गया है, यह जानकारी भी जांच समिति से मांगी गयी है. ओफाज के लाभुक किसानों की संख्या दो लाख से अधिक है. इसकी जांच हर प्रखंड में 40-50 किसानों का समूह बना कर करने को कहा गया है.

Posted by : Sameer Oraon

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