रांची. कांके डैम से गाद निकालने के लिए रांची नगर निगम ने एंफीबियस एक्सकेवेटर (तैरने वाली पोकलेन मशनी) को डैम में उतारा है. शनिवार से पोकलेन मशीन ने डैम से गाद निकालना शुरू कर दिया. यह मशीन अगले चार माह तक डैम के चारों ओर घूम-घूमकर गाद निकाल कर उसे किनारे पर रखेगी. फिर डंपर व जेसीबी से गाद उठाकर उसे झिरी में डंप किया जायेगा.
आधा कांके डैम जलकुंभी से पटा है
वर्तमान में आधा कांके डैम जलकुंभी से पट गया है. इस कारण यह पूरी तरह से हरा दिख रहा है. डैम से जलकुंभी निकालने के लिए निगम की ओर से वीड हार्वेस्टर मशीन उतारी गयी है. पिछले एक माह से यह मशीन डैम से जलकुंभी निकाल रही है, लेकिन जलकुंभी घटने का नाम ही नहीं ले रही है.
बड़ा तालाब से 8000 टन गाद निकाला गया
कांके डैम में पोकलेन को उतारने से पहले नगर निगम ने बड़ा तालाब में उतारा था. चार माह में पोकलेन मशीन से 8000 टन गाद निकाला गया था. तालाब से निकाले गये गाद को लक्ष्मी नारायण मंदिर के पीछे डंप किया गया. फिर वहां से इसे डंपर व हाइवा से पहाड़ी मंदिर के पीछे डंप किया गया. वर्तमान में यहां गाद का ढेर लगा हुआ है.
एसटीपी बनाकर गंदे पानी को रोके निगम
कांके डैम की बदहाली दूर करने के लिए झारखंड सिविल सोसाइटी ने नगर निगम के प्रशासक अमित कुमार को पत्र लिखा है. इसमें बताया गया है कि किस प्रकार से डैम में सीधे सीवर का पानी गिर रहा है. इससे डैम का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है. इसलिए अगर इस डैम को सरकार बचाना चाहती है, तो इसके लिए जहां-जहां भी डैम में गंदा पानी गिर रहा है. वहां पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया जाये. वहां गंदे पानी को फिल्टर करके डैम में छोड़ा जाये. अन्यथा आनेवाले दिनों में इस डैम का पानी पीने लायक नहीं रह जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है