लेह में 14 दिनों के कोरेंटिन में रहेंगे श्रमिक
झारखंड से लेह-लद्दाख जानेवाले श्रमिक काम से पहले वहां 14 दिनों के कोरेंटिन में रहेंगे. श्रमिकों के आने पर लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश के डिविजन कमिश्नर ने एनओसी ने दी और कुछ गाइडलाइन भी भेजी है. इसी गाइडलाइन के तहत श्रमिकों को पहले कोरेंटिन में रखा जायेगा.
रांची : झारखंड से लेह-लद्दाख जानेवाले श्रमिक काम से पहले वहां 14 दिनों के कोरेंटिन में रहेंगे. श्रमिकों के आने पर लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश के डिविजन कमिश्नर ने एनओसी ने दी और कुछ गाइडलाइन भी भेजी है. इसी गाइडलाइन के तहत श्रमिकों को पहले कोरेंटिन में रखा जायेगा.
श्रमिकों को कोरेंटिन में रखने के लिए प्रत्येक परियोजना में 1000 लोगों के लिए टेंटेड कैंपस बनाया जायेगा. यह मीना मार्ग और जोजिला के समीप होगा. जो मजदूर मेडिकली फिट होंगे, उन्हें काम की इजाजत दी जायेगी. साइट को सुरक्षित और सैनिटाइज्ड रखने की जवाबदेही बीआरओ की होगी.
काम के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करना होगा. मजदूरों को मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर, हैंड वाॅश आदि उपलब्ध कराना होगा. नियमित रूप से श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच होगी. किसी एक जगह पर 50 से अधिक श्रमिकों को काम पर नहीं लगाया जायेगा.
लेह-लद्दाख से 43 मजदूर विमान से रांची लौटे
इधर, लेह-लद्दाख से शनिवार की शाम 43 श्रमिक विमान से रांची पहुंचे. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से बाहर निकलने के क्रम में उन्हें भोजन के पैकेट और सुरक्षा किट दिये गये. इसके बाद उन्हें बस से दुमका भेजा गया. श्रमिक शिवलाल हेंब्रम व बबलू साहा ने कहा कि वे लोग लेह लद्दाख में चीन बॉर्डर के समीप सड़क निर्माण का काम कर रहे थे. श्रमिकों ने कहा कि हम लोग घर जाकर कुछ दिन आराम करेंगे, फिर खेती करेंगे.