रांची. झारखंड चेंबर की ट्राइबल वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप उप समिति ने बुधवार को चेंबर भवन में कार्यशाला का आयोजन किया. इस मौके पर एमएसएमइ, विकास कार्यालय के संयुक्त निदेशक इंद्रजीत यादव ने कहा कि झारखंड से टमाटर एवं नीम के पाउडर के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं. एसटी और एससी महिलाओं के लिए निर्यात में रजिस्ट्रेशन चार्ज भी काफी कम रखा गया है. उन्हें अलग से सब्सिडी भी दी जा रही है.
कार्यशाला में महिलाओं को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की जेड सर्टिफिकेशन (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) योजना और इसके लाभ से अवगत कराया गया. कोषाध्यक्ष ज्योति कुमारी और उप समिति की चेयरपर्सन माला कुजूर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश महिलाएं सिलाई और कढ़ाई में ही सीमित हैं. एमएसएमई मंत्रालय की ऐसी कई योजनाएं हैं, जिसका लाभ लेकर महिलाएं उद्यमिता की ओर बढ़ सकती हैं. महिलाओं के लिए जेड सर्टिफिकेशन काफी उपयुक्त है. जेड प्रमाणित एमएसएमइ को बैंकों से कर्ज देने में वरीयता दी जाती है.योजनाओं का लाभ उठाने की अपील
चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने छोटे-छोटे गृह और कुटीर उद्योग से जुड़ीं महिलाओं से एमएसएमई मंत्रालय की योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि झारखंड चेंबर भी इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेगा. कार्यशाला में झारखंड चेंबर के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, राहुल साबू, परेश गट्टानी, एमएसएमइ के असिस्टेंट डायरेक्टर गौरव, नेशनल एसटी एससी हब की ब्रांच हेड किरन मारिया तिरू, सुबोधकांत आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है