Ranchi News : पेसा कानून को लेकर नामकुम में कार्यशाला का आयोजन
Ranchi News: आदिवासी बुद्धिजीवियों के बीच पेसा कानून को लेकर समझ बनाने के लिए नामकुम के जराटोली में कार्यशाला का आयोजन किया गया
रांची. आदिवासी बुद्धिजीवियों के बीच पेसा कानून को लेकर समझ बनाने के लिए नामकुम के जराटोली में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद् के अध्यक्ष ग्लैडसन डुंगडुंग शामिल हुए. मौके पर ग्लैडसन ने कहा कि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में विगत 24 वर्षों से संवैधानिक संकट खड़ा कर दिया गया है.
सभी आदिवासियों को एकजुट होना पड़ेगा
उन्होंने कहा कि यहां प्रशासन और नियंत्रण संविधान के अनुच्छेद 244-1 के अंतर्गत पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों के अनुरूप होना चाहिए था. लेकिन आदिवासी परामर्शदातृ परिषद् से परामर्श लिये बगैर एवं राष्ट्रपति के अनुमोदन के बिना ही असंवैधानिक तरीके से झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 को राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में लागू कर दिया गया. अब इसे संवैधानिक बताकर जारी रखने की कोशिश हो रही है. ऐसे में अपने संवैधानिक, कानूनी और पारंपरिक अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आदिवासियों को एकजुट होना पड़ेगा और जोरदार तरीके से प्रतिकार करना होगा.
पेसा कानून के मूल 23 प्रावधान लागू हों
इस अवसर पर आदिवासी थिंकटैंक के संयोजक वाल्टर कंडुलना ने कहा कि झारखंड सरकार का पंचायती राज विभाग जेपीआरए 2001 को अनुसूचित क्षेत्रों में लागू करने के लिए अड़ा हुआ है और हमारे अपने कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं. हमारी मांग सिर्फ इतनी ही है कि पेसा कानून 1996 के मूल 23 प्रावधानों को उचित नियमावली के माध्यम से राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में लागू किया जाये. कार्यशाला में हेमंत बालमुचू, सुनील कुजूर, रणधीर खलखो, प्रेम कंडुलना और पंचू तिर्की सहित अन्य ने भी अपने विचार रखे.
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