एनइपी के क्रियान्वयन के लिए समाज की भूमिका महत्वपूर्ण होगी : डॉ मित्तल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) का क्रियान्वयन करने का कार्य केवल शिक्षण संस्थानों का ही नहीं है, बल्कि इसे पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने के लिए समाज के हर वर्ग की भूमिका अहम होगी.
रांची. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) का क्रियान्वयन करने का कार्य केवल शिक्षण संस्थानों का ही नहीं है, बल्कि इसे पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने के लिए समाज के हर वर्ग की भूमिका अहम होगी. एनइपी का सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने के लिए न्यास प्रतिबद्ध है. न्यास देश के विभिन्न विवि और संस्थानों के साथ मिलकर शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है. ये बातें शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ पंकज मित्तल ने कहीं. डॉ मित्तल शुक्रवार को सरला बिरला विवि में न्यास की राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला सह अभ्यास वर्ग के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे.
अभ्यास वर्ग से नयी ऊर्जा का संचार होगा
न्यास के सचिव डॉ अतुल कोठारी ने कहा है कि हमारा सौभाग्य है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 आयी है, जो देश का भविष्य बदलने वाली है. लेकिन सरकार और समाज के समन्वित प्रयास से ही नयी शिक्षा नीति का पूर्ण क्रियान्वयन संभव हो सकेगा. राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप वर्मा ने कहा कि इस अभ्यास वर्ग से निश्चित ही नयी ऊर्जा का संचार होगा. कार्यक्रम संयोजक सह सरला बिरला विवि के कुलसचिव प्रो विजय सिंह ने बताया कि अभ्यास वर्ग के लिए देशभर के 35 से अधिक प्रांतों से 350 से अधिक प्रमुख कार्यकर्ता रांची आये हैं. 20 से अधिक विश्वविद्यालय और केंद्रीय संस्थानों के कुलपति एवं निदेशक इस कार्यशाला में भाग ले रहे हैं. इससे पूर्व सरला बिरला विवि के कुलपति प्रो गोपाल पाठक ने आगंतुकों का स्वागत किया.
पुस्तक का विमोचन किया गया
मौके पर सचिव डॉ अतुल कोठारी द्वारा लिखित उच्च शिक्षा : भारतीय दृष्टि पुस्तक के अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया गया. संचालन जोधपुर प्रांत संयोजक संदीप जोशी ने किया, जबकि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत अध्यक्ष रमन कुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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