World Bicycle Day: आज यानी तीन जून को विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) है. हर साल इसे तीन जून को मानते हैं. यह दिन सभी के लिए बहुत ही खास होता है क्योंकि अपने जीवन की पहली यात्रा की शुरुआत हम साइकिल से ही करते हैं. साथ ही इसे चलाना हमारी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. वहीं, प्रदूषण मुक्त भी रहती है. बता दें इसकी उपयोगिता लोगों को बताने के लिए तीन जून, 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से न्यूयॉर्क में पहली बार विश्व साइकिल दिवस मनाया गया था. जिसके बाद से अब हर साल तीन जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है.
साइकिल चलाने से थकान के कारण आती है अच्छी नींद
राजधानी रांची के हरिओम टावर स्थित पार्किंग में सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले सतीश कुमार ने कहा कि साइकिल चलाने से काफी फायदा मिलता है. ड्यूटी के लिए घर से आने-जाने में खर्च नहीं होता क्योंकि इसमें ईंधन भराने की जरूरत नहीं होती. वहीं, हर दिन साइकिल चलाने से व्यायाम भी हो जाती है. जिससे हम केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी काफी फायदा मिला है. ये हृदय, रक्त कोशिकाओं और फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करती है. सबसे खास बात यह है कि साइकिल चलाने के बाद थकान की वजह से अच्छी नींद लाने में मदद करती है और तनाव के स्तर और डिप्रेशन को भी कम करती है.
हेल्थ व्यू से लोग लेने लगे हैं साइकिल
वहीं, रांची के हिंदुस्तान साइकिल सप्लाई एजेंसी के संचालक बिपीन कुमार बांका कहते हैं कि हमारे संस्थान में हर तरह की साइकिल उपलब्ध है. ग्राहकों की हमेशा से डिमांड ब्रांडेड साइकिल की ही अधिक रहती है. पहले साधारण साइकिल चलती थी जिसे फिलिप्स टाई कहते थे, लेकिन आजकल इसका ट्रेंड बदल गया है. अब लोग साइकिलिंग को हेल्थ व्यू की तरफ से भी लेने लगे हैं. साइकिल को लेकर ग्राहकों की डिमांड भी अलग-अलग रहती है. कई तो अधिक फैसिलिटी वाले साइकिल को भी चलाना पसंद करते हैं, ताकि उन्हें अधिक दूरी तय करने में भी परेशानी ना हो. वहीं, अब तो किड्स साइकिल का भी डिमांड काफी ज्यादा हो गया है.
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लोगों की सेवा में सबसे ज्यादा साइकिल चलाते हैं रिक्शा चालक
इसके अलावा राजधानी रांची में रिक्शा चालकों से भी बात की गयी. भले ही ये परिवार के पालन पोषण के लिए रिक्शा चलाते हैं, लेकिन ये भी पर्यावरण को संरक्षण देने में अपनी महती भूमिका निभाते हैं. रांची के फिरायालाल चौक में कई रिक्शा चालकों ने बताया हम सभी भाड़े पर रिक्शा को लेकर चलाते हैं. हमें सवारी मिलती है, तो अच्छी कमाई हो जाती है. लेकिन, कभी-कभी सवारी नहीं मिल पाने के कारण कमाई नहीं हो पाती है, जिससे घर चलाने में मुश्किल होती है. सबसे अधिक परेशानी गर्मी, सर्दी, बरसात जैसे मौसम में होती है. इसके बावजू रिक्शा खींचते हैं. इससे शरीर थकता है और रात में नींद भी अच्छी आती है.
इनपुट : हिमांशु कुमार देव, रांची.