Blood Donation Day: इस साल भी लक्ष्य से 92,122 यूनिट पीछे रहा झारखंड, हर साल पड़ती है इतने की जरूरत
रक्तदान वक्त की जरूरत है. राज्य में हर साल खून की कमी के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है, क्योंकि उन्हें समय पर खून उपलब्ध नहीं हो पाता है. इसका मुख्य कारण राज्य में खून की उपलब्धता का कम होना है.
झारखंड रक्तदान के मामले में इस साल भी लक्ष्य से पीछे रहा. स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की आंकड़ों को माने तो हर साल राज्य को 3.50 लाख यूनिट खून की जरूरत पड़ती है. लेकिन हर साल पीथे रह जाता है. इस साल राज्य में 92,122 यूनिट कम खून संग्रहित हो पाया. आपको बता कि राज्य में हर साल खून की कमी के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है, क्योंकि उन्हें समय पर खून उपलब्ध नहीं हो पाता है. इसका मुख्य कारण राज्य में खून की उपलब्धता का कम होना है.
पिछले वित्तीय वर्ष (वर्ष 2021-22) में भी राज्य में 92,122 यूनिट कम खून संग्रहित हो पाया. आंकड़े के अनुसार राज्य में पिछले साल 2,57,878 यूनिट खून ही एकत्र हो पाया है, जबकि लक्ष्य 3.5 लाख था. वहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान झारखंड में 2,18,154 लाख यूनिट खून एकत्र हो पाया. हालांकि कोरोना महामारी के कारण लोगों में रक्तदान को लेकर रुचि कम दिखी. स्वैक्छिक रक्तदान करनेवाले भी कोरोना महामारी के कारण ब्लड बैंक तक नहीं पहुंच पाये.
राज्य को चाहिए 3.50 लाख यूनिट खून, इस साल मिला 2.57 लाख
लोगों में जागरूकता की कमी के कारण कम हो रहा रक्त संग्रह
कोरोना संकट के दौरान भी लोगों में घटी थी रक्त संग्रह में रुचि
रक्तदान बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. डीजीएचएस सपोर्टेड ब्लड बैंकों के अलावा निजी ब्लड बैंकों को रक्तदान शिविर आयोजित करने का निर्देश है. हर महीना विभिन्न जिलों के ब्लड बैंक में आयोजित होनेवाले कैंप और संग्रहित खून की समीक्षा की जाती है. सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कैंप लगाने के साथ-साथ लोगों को जागरूक करने का कार्य भी किया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष में हम लक्ष्य की प्राप्ति का संकल्प लेकर आगे बढ़े हैं.
डॉ भुवनेश प्रताप सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जेसेक्स
Posted By: Sameer Oraon