World Happiness Day: कॉमेडियन चार्ली चैप्लिन ने कहा था ‘जीवन एक त्रासदी है, अगर इसे नजदीक से देखें तो हंसने-हंसाने का मंच है’. इस पंक्ति में जीवन की दो विविधताएं नजर आती हैं. हर व्यक्ति को किसी न किसी रूप में तनाव हो सकता है. वहीं, खुश रहना एक कला है. शहर के युवा भी अब इससे जुड़ कर आगे बढ़ रहे हैं. आये दिन कैफे, लाउंज और संस्थानों में स्टैंड-अप कॉमेडी का आयोजन हो रहा है. जहां, युवा वर्ग आसपास के हाव-भाव और गतिविधियों से हास्य संदर्भ चुनने लगे हैं. इससे लोगों का तनाव कम हो रहा है.
2013 से इस दिवस को मनाने की हुई शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के लिए खुशी के महत्व को समझते हुए 2013 से इस दिवस को मनाने की शुरुआत की. इसके बाद से 20 मार्च को विश्व में अंतरराष्ट्रीय हैप्पीनेस डे मनाया जाता है. इसका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को उनके जीवन में खुशी के महत्व का एहसास कराना है.
‘मैं चुटिया से हूं…’ को अबतक तीन मिलियन व्यू
चुटिया के सिद्धार्थ गुप्ता मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, जमशेदपुर और भुवनेश्वर में अपने एक्ट से लोगों को गुदगुदा चुके हैं. इनका एक्ट ‘मैं चुटिया से हूं…’ को यूट्यूब पर अब तक तीन मिलियन व्यू से अधिक मिल चुके हैं. सिद्धार्थ ने कहा कि स्कूल के समय से ही टीवी पर लाफ्टर चैलेंज देखा करता था. कॉमेडियन्स को ऑब्जर्व कर मैं भी प्रेरित हुआ. 2018 में जाकिर खान और भुवन बाम ने सोशल मीडिया पर स्टैंडअप कॉमेडी को नया मुकाम दिया, जो छोटे शहर के युवाओं के लिए प्रेरणा बनी. इसके बाद से मैं भी दोस्तों के बीच हंसी-मजाक करने लगा. दोस्तों की प्रेरणा से रांची में पहला एक्ट किया, जिसमें दोस्तों की तालियां बंटोरी और धीर-धीरे डे टू डे सिचुएशन और फैमिली फ्रेंडली जोक से कॉमेडी करने लगा.
ऋषभ गौतम के कॉमेडी पर बजती है खूब तालियां
हरिहर सिंह रोड के ऋषभ गौतम के कॉमेडी एक्ट पर इन दिनों शहर के युवा खूब हंसते नजर आते हैं. इनका कॉमेडी एक्ट ‘एक बार शक्ल देखो…’ लोगों को खूब गुदगुदाता है. यूट्यूब पर इस एक्ट को लाखों व्यू मिल चुके हैं. ऋषभ ने कहा कि मुझे हंसी-मजाक करना पसंद था. 2016 में जब कॉलेज में था, तब कुछ दोस्तों ने कहा कि तुम कॉमेडियन टाइप बात करते हो. कई दोस्तों ने तुलना कॉमेडियन जाकिर खान से कर दी. इसके बाद जाकिर खान के वीडियो देखने शुरू किये. कॉलेज फेस्ट के दौरान उन्हीं के एक्ट को मंच पर उतारा. लोगों को हंसता देख प्रेरणा मिली. नुक्कड़ ग्रुप का एक्टिव मेंबर होने की वजह से शो भी मिलने लगे. अब तक शहर में पांच बड़े शो कर चुका हूं. ऑब्जर्वेशन कॉमेडी और सिचुएशन जोक मेरे स्टैंडअप का हिस्सा है.
लोगों को हंसा रहा हंसमुख
2018 से रांची में स्टैंड-अप कॉमेडी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. शहर के युवाओं का समूह ‘हंसमुख’ इसकी पहल कर रहा है. हंसमुख समूह के संचालक राधेश्याम तिवारी ने बताया कि वे स्कूल के दिनों से ही कविता और शायरी लिखते आ रहे हैं. अक्सर दोस्तों के बीच इनका पाठ करने पर वे खूब हंसते थे. इससे प्रेरणा मिली, पर शहर में ओपेन माइक का कोई मंच नहीं था. सोशल मीडिया के जरिये दोस्तों को जोड़ा और स्टैंडअप का संचालन होने लगा. देखते ही देखते बड़ी संख्या में युवा एकजुट होने लगे. वर्तमान में राज्य के 300 से अधिक युवा इस समूह का हिस्सा हैं. इनमें 40 से अधिक स्टैंडअप कॉमेडियन है. हंसमुख की टीम जगह-जगह ओपेन माइक का हिस्सा बन लोगों को गुदगुदा रहे हैं.