Labour Day 2022: झारखंड के मजदूरों के लिए चल रही है कई योजनाएं, कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक श्रमिक
झारखंड के असंगठित क्षेत्र में 1.11 करोड़ मजदूर हैं जिनमें से 90 लाख निबंधित है. इनमें से सबसे अधिक श्रामिक कृषि क्षेत्र से है. इन श्रामिकों के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही है
रांची: झारखंड में असंगठित क्षेत्र के 1.11 करोड़ मजदूर हैं. इनमें लगभग 90 लाख ने इ-श्रम पोर्टल पर अपना निबंधन कराया है. जबकि 12.45 लाख मजदूर झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में निबंधित हैं. 15 लाख मजदूर झारखंड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना में निबंधित हैं. हाल कि दिनों में इ-श्रम पोर्टल में बड़ी संख्या में मजदूरों ने निबंधन कराया है.
इस कारण विभाग को इतनी बड़ी संख्या में श्रमिकों की संख्या का पता चला. श्रमिकों का अक्तूबर माह से ही निबंधन चल रहा है. अभी भी निबंधन की प्रक्रिया जारी है. ये वो श्रमिक हैं, जिनका न तो पीएफ कटता है और न ही कोई मासिक वेतन निश्चित होता है. कुछ लोग मासिक वेतन पर कार्यरत हैं पर उनकी नौकरी सुनिश्चित नहीं है. इस श्रेणी में कृषि कामगार से लेकर ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक और हेल्थ वर्कर भी आते हैं.
झारखंड में कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक श्रमिक :
अब तक हुए निबंधित श्रमिकों में सबसे अधिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों ने निबंधन कराया है. कृषि क्षेत्र में 55 लाख 57 हजार 123 श्रमिकों ने निबंधन कराया है. इस क्षेत्र में सबसे अधिक खेतिहर मजदूर व सब्जी उत्पादक हैं. इसी तरह घरेलू कामगारों की संख्या 8.61 लाख है.
85 लाख की आय 10 हजार से कम :
श्रमिक पोर्टल में निबंधन कराने वालों में झारखंड के 85 लाख मजदूर ऐसे हैं, जिनकी आय 10 हजार रुपये मासिक या इससे कम है. जबकि 3.55 लाख श्रमिकों की आय 10 हजार से लेकर 15 हजार रुपये के बीच है.
सबसे अधिक 53.69 प्रतिशत श्रमिक ओबीसी वर्ग से :
झारखंड में सबसे अधिक लगभग 53.69 प्रतिशत श्रमिक ओबीसी वर्ग से हैं. जबकि 22.46 प्रतिशत श्रमिक अनुसूचित जनजाति से हैं. वहीं 13.63 प्रतिशत श्रमिक अनुसूचित जाति के हैं. वहीं सामान्य वर्ग के 10.22 प्रतिशत श्रमिक हैं.
श्रमिकों के लिए कई योजनाएं :
झारखंड में सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए कई कल्याणकारी और सामाजिक सुरक्षा की योजना चलायी जा रही है.
दुर्घटना से मृत्यु पर चार लाख तक मुआवजा :
विभाग द्वारा झारखंड असंगठित कर्मकार मृत्यु/दुर्घटना सहायता योजना भी है. इस योजना के तहत मृत्यु होने पर आश्रित को एक से चार लाख रुपये तक के मुआवजे का प्रावधान है.
बच्चों की पढ़ाई और विवाह के लिए सहयोग :
बच्चों की पढ़ाई के लिए भी 250 रुपये से लेकर आठ हजार रुपये तक वार्षिक छात्रवृत्ति का प्रावधान है. विवाह सहायता योजना के तहत दो संतानों के विवाह के लिए 30 हजार रुपये तक की सहायता देने का प्रावधान है.
शर्ट-पैंट और साड़ी भी :
झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा भी निबंधित मजदूरों को शर्ट-पैंट और साड़ी दी जाती है. इसके अलावा श्रमिक औजार सहायता योजना, साइकिल सहायता योजना, चिकित्सक सहायता योजना भी है.
Posted By: Sameer Oraon