वर्ल्ड लाफ्टर डे: इनसे सीखिये खुल कर हंसने की कला, 20 साल से 10 मिनट की लाफ्टर थेरेपी में शामिल हो रहे बुजुर्ग
लाफ्टर क्लब की नींव हरिओम अखाड़ा के बैनर तले 20 साल पहले डाली गयी थी. पिछले 20 साल से अखाड़ा के ये सदस्य यहां हंसी के ठहाके मारने आ रहे हैं. कई सदस्य समय के क्रम में गुजर भी गये, लेकिन हंसने का सिलसिला रुका नहीं.
रांची, लता रानी. जिंदगी में हंसना जरूरी है. तनाव से दूर एक खुशनुमा माहौल जिंदगी को खुशियों से भर देता है. इस बात को साबित करता है हमारे शहर के बुजुर्गों का दल हरिओम अखाड़ा. अखाड़ा के सदस्य रोज सुबह सात बजे मोरहाबादी के ऑक्सीजन पार्क में नीलांबर-पितांबर की मूर्ति के पास बैठकर लाफ्टर थेरेपी लेते हैं. यानी कि सब मिलकर हंसते हैं. अपना सुख-दुख भी बांटते हैं. मात्र दस मिनट की ये हंसी उन्हें दुनिया भर की खुशी दे जाती है. ऊपर से स्वास्थ्य का लाभ अलग. अखाड़ा के सदस्य सुबह सात बजे मिलते हैं और मात्र दस मिनट के अंदर सात बज कर दस मिनट पर लाफ्टर थेरेपी पूरी हो जाती है. पहले ताली बजाते हैं, ताली में हरिओम और बोलबम का नारा लगाते हैं. फिर प्रार्थना करते हैं. उसके बाद शुरू होता है हंसने का सिलसिला. बुजुर्गों की तेज हंसी से मोरहाबादी का प्रांगण खुशी से गूंज उठता है.
20 साल पहले डाली गयी थी लाफ्टर क्लब की नींव : लाफ्टर क्लब की नींव हरिओम अखाड़ा के बैनर तले 20 साल पहले डाली गयी थी. पिछले 20 साल से अखाड़ा के ये सदस्य यहां हंसी के ठहाके मारने आ रहे हैं. कई सदस्य समय के क्रम में गुजर भी गये, लेकिन हंसने का सिलसिला रुका नहीं. हंसी का यह निरंतर अभ्यास औषधि का काम करता है. क्लब के केके दयाल और सुबोध गुप्ता कहते हैं कि जहां हंसी है, वहीं खुशी है. इन बुजुर्गों से सीखने की जरूरत है कि यदि आप अपने दिन की शुरुआत खुलकर अपनी हंसी से करते हैं, तो पूरा दिन और पूरे जीवन में मिठास बनी रहती है.
चिल्ड्रेन पार्क में बनवाया चबूतरा : हरिओम अखाड़ा का यह लाफ्टर क्लब न केवल अपनी हंसी-खुशी का कार्य कर रहा है, बल्कि सामाजिक सरोकार के कार्य से भी जुड़ा है. लाफ्टर क्लब के सदस्यों ने अपने खर्च पर 2013 में मोरहाबादी के चिल्ड्रेन पार्क में चबूतरा बनवाया है, जहां लोग योगाभ्यास करते हैं. वहीं आये दिन और देश के महापुरुषों की जयंती पर पौधरोपण का कार्य होता है. जिसमें सदस्य न केवल पौधरोपण करते हैं , बल्कि मॉर्निंग वॉक पर आये लोगों को पौधरोपण के लिए जागरूक भी करते हैं. अनिल पांडेय, विनाद जैन, प्रमोद पोद्दार , विनय साव, कमल सिन्हा , मानकी उजिया , अनिल ककड़ , नील मोहन यादव , आलोक श्रीवास्तव , कल्याण चटर्जी व अन्य सदस्य अपनी हंसी से इस क्लब की शोभा बढ़ा रहे हैं.