झारखंड में 74.9 % महिलाएं कर रही हैं सेनेटरी पैड का उपयोग, फिर भी सर्वाइकल कैंसर के केसेस सबसे ज्यादा

झारखंड में 74.9 फीसदी महिलाएं व किशोरी सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करने लगी हैं. जबकि ये आंकड़ा बीते बार 49.5 फीसदी था. यानी 25.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है. ये रिपोर्ट एनएफएचएस-5 में सामने आयी है

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2022 9:07 AM

रांची: पीरियड्स के दौरान स्वच्छता का ध्यान नहीं रखने से महिलाओं और किशोरियों को कई तरह की गंभीर समस्याएं होती हैं. सबसे बड़ी समस्या बच्चेदानी के कैंसर की होती है. यही वजह है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के प्रति जागरूक किया जाता है.

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-5) के अनुसार, झारखंड में 74.9 फीसदी महिलाएं व किशोरी सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करने लगी हैं. यह आंकड़ा एनएफएचएस-4 में 49.5 फीसदी था. यानी 25.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है. इसके बावजूद राज्य में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग सबसे अधिक है.

गांव में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग ज्यादा :

एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 0.5 फीसदी महिलाओं (30 से 49 साल) को सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ा है. इसमें ग्रामीण महिलाओं की संख्या अधिक है. राज्य में सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग गिरिडीह में 1.9 फीसदी, रामगढ़ में 1.4 फीसदी, हजारीबाग में 1.0 फीसदी और गढ़वा में 0.9 फीसदी महिलाओं की हुई है.

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट जारी

एनएफएचएस-4 की तुलना में 25.3% सेनेटरी पैड के उपयोग में हुई वृद्धि

झारखंड में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग सबसे अधिक

यहां सबसे ज्यादा हुई सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग (प्रतिशत में)

जिला प्रतिशत

गिरिडीह 1.9

हजारीबाग 1.0

रामगढ़ 1.4

गढ़वा 0.9

देवघर 0.7

बोकारो 0.6

खूंटी 0.5

खूंटी 0.5

लातेहार 0.5

क्या कहती हैं एक्सपर्ट

मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बहुत जरूरी है, क्योंकि, संक्रमण की संभावना रहती है. संक्रमण होने से बच्चेदानी के कैंसर की संभावना रहती है और सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के दौर से गुजरना पड़ता है. ऐसे में पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल जरूरी है. इसको लेकर कई फिल्में भी बनी हैं. सरकार को स्कूल-कॉलेज और ग्रामीण स्तर पर मुफ्त सेनेटरी पैड्स का वितरण कराना चाहिए.

डॉ शशिबाला सिंह, स्त्री विभाग की प्रोफेसर, रिम्स

Posted By: Sameer Oraon

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