Tobacco Consumption In Jharkhand 2021 रांची : झारखंड की 38.9 फीसदी आबादी (18 वर्ष से ऊपरवाले) किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती है. 11.1 फीसदी आबादी धुएंवाले तंबाकू का उपयोग करती है. वहीं, 35.4 फीसदी को बिना धुएंवाले तंबाकू की लत लगी है. इस 35.4 फीसदी आबादी में 54 फीसदी पुरुष, 15.7 फीसदी महिलाएं और शेष 30.3 फीसदी युवा हैं.
‘द ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे’ के ताजा आंकड़ों से इस तथ्य का खुलासा हुआ है. भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) के सहयोग से यह सर्वे किया गया था. इससे पहले किये गये सर्वे की तुलना में झारखंड में तंबाकू उपयोग करनेवालों की संख्या करीब 1.5 फीसदी बढ़ी हुई थी.
झारखंड में खैनी और गुटखा दो मुख्य धुआं रहित तंबाकू है. 26.6 फीसदी लोग खैनी तथा करीब 8.3 फीसदी लोग गुटखा खाते हैं. वहीं, शेष लोग तंबाकू से बने अन्य नशीली पदार्थ का उपयोग करते हैं. सर्वे में पाया गया कि 15 से 17 साल के उम्र के बीच में तंबाकू उपयोग करनेवालों की संख्या घटी है. पहले के सर्वे में इस उम्र वर्ग के 16.7 फीसदी लोग तंबाकू का उपयोग करते थे.
ताजा सर्वे में यह 10.6 फीसदी रह गया. तंबाकू शुरू करने की औसत उम्र भी बढ़ गयी है. पहले 17.6 साल की उम्र में तंबाकू का सेवन शुरू कर दे रहे थे. वह बढ़कर 19.4 साल हो गया था. इसमें से 25.8 फीसदी सिगरेट का सेवन करनेवालों ने चिकित्सकीय सलाह ली. उनको सिगरेट छोड़ने को कहा गया.
धुआंरहित तंबाकू वाले में 19.5 फीसदी को चिकित्सकों ने स्वास्थ्य कारणों से इसे छोड़ने की सलाह दी. सर्वे में पाया गया कि करीब 34 फीसदी इंडोर में काम करनेवाले शेयर करके धुआंवाले तंबाकू का उपयोग करते हैं. 51 फीसदी सिगरेट और 8.6 फीसदी बीड़ी पीनेवालों को धूम्रपान छोड़ने की चेतावनी दी गयी है. इसमें 26.6 फीसदी ने डर से तंबाकू का सेवन छोड़ दिया.
Posted By : Sameer Oraon