World Population Day: विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर राजधानी रांची के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आज जिस तरीके से जनसंख्या बढ़ रही है, वह चिंता का विषय है. इसका दुष्परिणाम अर्थव्यवस्था, ग्लोबल वार्मिंग, रोजगार आदि क्षेत्र में दिखने लगा है. कहा कि प्रकृति के साथ जो हम छेड़-छाड़ कर रहे हैं, उससे भविष्य में बड़े संकट उत्पन्न होने जा रहे हैं. इस मौके पर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ को रवाना किया.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड कर रहा है बेहतर कार्य
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि समाज में दहेज उत्पीड़न और बेटे की चाहत में बेटियों की भूर्ण हत्या आदि के कारण आज देश में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या कम है. कहा कि झारखंड जनसंख्या नियंत्रण के क्षेत्र में राष्ट्रीय औसत के करीब है. जो मामूली अंतर है, उसे भी जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है. परिवार नियोजन के तहत पांच वर्षों में पांच लाख से अधिक महिलाओं का बंध्याकरण कराया गया है, लेकिन पुरुष नसबंदी की संख्या बहुत कम है. हमें इस दिशा में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.
बेटी के जन्म में फलदार वृक्ष लगाने का ले संकल्प
उन्होंने कहा कि आज हमें मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है. बेटा हो या बेटी, दोनों को समान दृष्टि से देखने की मानसिकता होनी चाहिए. मुन्ना हो या मुनिया, बस दो बच्चों की हो दुनिया के सिद्धांत को अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें प्रण लेना चाहिए कि किसी घर में जैसे ही बच्ची का जन्म हो, फलदार पेड़ लगायें और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं.
जागरूकता रथ के माध्यम से 31 जुलाई तक लोगों को किया जाएगा जागरूक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि भारत युवाओं का देश है. वर्ष 1951 में जहां भारत की आबादी लगभग 36 करोड़ थी, वहीं आज 35वें विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर यह बढ़कर 140 करोड़ के आसपास हो गयी है. यह बढ़ती जनसंख्या दर गंभीर चिंता का विषय है. इस जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या स्थिरता अभियान के माध्यम से हम झारखंड के लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. इसके तहत जागरूकता रथ को रवाना किया गया है. कहा कि जागरूकता रथ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए 27 जून से 31 जुलाई तक जागरूक करने का काम करेगा.
एनिमिया और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई
उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए जनसंख्या में स्थिरता लाना जरूरी है. कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है. एनिमिया और कुपोषण से लड़ाई लड़ी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब कैंसर को अधिसूचित बीमारी की सूची में जोड़ने जा रहा है. इससे सरकार कैंसर मरीजों की वस्तुस्थिति से ससमय अवगत हो सकेगी और उनके हित के लिए कदम उठा सकेगी. अभी भी ग्रामीण महिलाओं के बीच इस बीमारी के प्रति कई भ्रांतियां फैली है. इसके निराकरण के लिए भी कार्य किया जा रहा है. कार्यक्रम के दौरान सीएचओ मैनुअल, सहिया बुकलेट एवं ब्रोशर का विमोचन किया गया. साथ ही नव दंपतियों के बीच नई पहल किट वितरित किये गये. वहीं, स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे डॉक्टर, एनएचएम, सहिया समेत अन्य को सम्मानित भी किया गया.
इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, अपर अभियान निदेशक विद्यानंद पंकज शर्मा, नोडल पदाधिकारी परिवार नियोजन, निदेशक प्रमुख, सिविल सर्जन, एनएचएम एवं विभिन्न जिलों के स्वास्थ्य प्रतिनिधिगण राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ जुड़ी यूएसएआईडी मोमेंटम, इनजेंडरहेल्थ, पीएसआई इंडिया, पीएचएसआई एवं एफआरएचएस इंडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
Also Read: झारखंड : रांची के राजेंद्र मुंडा जरबेरा की खेती कर बन रहे आत्मनिर्भर, मिश्रित खेती पर है जोर