झारखंड में बच्चों की संख्या घट रही है और बुजुर्गों की संख्या में इजाफा हो रहा है. आने वाले दिनों में यह अंतर और बढ़ेगा. इसकी वजह से सरकार की परेशानियां भी बढ़ेंगी. उन्हें अपनी नीतियों में कई तरह के बदलाव करने पड़ेंगे. विश्व जनसंख्या दिवस पर एक बार आंकड़ों पर गौर करने की जरूरत है कि किस कदर बच्चों की संख्या घट रही है और बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है. आने वाले दिनों में इसके क्या दूरगामी परिणाम होंगे.
झारखंड में बढ़ेंगे कामगार और बुजुर्ग
सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2011 की तुलना में वर्ष 2041 तक बच्चों एवं किशोरों (0-19 वर्ष आयु वर्ग) की संख्या में तेजी से गिरावट आयेगी. कामगारों और बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि होगी. आंकड़ों पर गौर करेंगे, तो पायेंगे कि वर्ष 2011 की जनगणना हुई थी, उस समय झारखंड की आबादी में बच्चों की हिस्सेदारी 1.52 करोड़ थी.
2031 में बच्चों की संख्या होगी 1.28 करोड़
अनुमान है कि वर्ष 2031 में झारखंड में बच्चों की संख्या घटकर 1.28 करोड़ और वर्ष 2041 में 1.25 करोड़ रह जायेगी. बता दें कि इस जनगणना में युवा और प्रौढ़ (20 से 59 वर्ष आयु वर्ग) लोगों की संख्या 1.55 करोड़ थी, जो वर्ष 2031 में बढ़कर 2.41 करोड़ और वर्ष 2041 में 2.62 करोड़ हो जाने का अनुमान है.
60 साल से अधिक के लोगों की बढ़ रही संख्या
वर्ष 2019 के आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया था कि झारखंड में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2011 में सूबे में 24 लाख लोगों की उम्र 60 साल या इससे अधिक थी. वर्ष 2041 में इनकी संख्या बढ़कर 60 लाख हो जायेगी, ऐसा अनुमान है.
2041 में झारखंड में होंगे 60 लाख बुजुर्ग नागरिक
इस सर्वे में कहा गया था कि वर्ष 2041 में जब झारखंड में बुजुर्गों की संख्या बढ़कर 60 लाख हो जायेगी, तब यहां जवां हो रहे बच्चों या किशोरों की संख्या 1.25 करोड़ होगी. यानी बुजुर्गों की तुलना में बच्चों की संख्या लगभग दोगुनी होगी, जो वर्ष 2011 में 6 गुनी से ज्यादा थी. उस वक्त 1.52 करोड़ बच्चे थे और सिर्फ 24 लाख बुजुर्ग थे.
मध्यप्रदेश व झारखंड में बराबर होगी बुजुर्गों की संख्या
वर्ष 2041 में झारखंड में 60 लाख बुजुर्ग होंगे, लेकिन यहां बुजुर्गों का औसत राष्ट्रीय औसत (कुल आबादी के 15.9 फीसदी) की तुलना में काफी कम रहेगा. झारखंड में तब बुजुर्गों की आबादी कुल आबादी की 13.4 फीसदी रहेगी. उस समय झारखंड में जितने बुजुर्ग होंगे, उतने ही बुजुर्ग मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्य में भी होंगे.
बुजुर्ग और बच्चों पर केंद्रित योजनाएं बनानी होंगी
यह वह वक्त होगा, जब सरकार को बुजुर्गों और बच्चों दोनों पर केंद्रित नीतियां बनानी होगी. इसकी तैयारी अभी से करनी होगी. वर्ष 2041 में सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करना होगा. स्कूलों की सुविधा बढ़ानी होगी. बुजुर्गों की देखभाल की व्यवस्था भी करनी होगी. इतना ही नहीं, लोगों के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की चुनौती भी सरकार के सामने होगी.