रांची, गुरुस्वरूप मिश्रा. टीबी हारेगा, देश जीतेगा. इसी जिद के साथ स्वास्थ्य विभाग झारखंड को टीबी (यक्ष्मा) मुक्त बनाने की कवायद में जुटा है. टीबी हारेगा, झारखंड जीतेगा. इस स्लोगन को धरातल पर उतारने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है. राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत प्रसाद बताते हैं कि झारखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. जागरूकता, इलाज की बढ़ीं सुविधाएं और सामूहिक प्रयास से जल्द ही हम इस मिशन में कामयाब होंगे.
31097 टीबी मरीजों का चल रहा इलाज
देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है. झारखंड में टीबी को परास्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर प्रयास कर रहा है. न सिर्फ जांच की सुविधाएं बढ़ी हैं, बल्कि फ्री इलाज को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. इसके लिए वर्कशॉप भी की जा रही है. झारखंड में फिलहाल 31097 टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) मरीज हैं. इनका इलाज चल रहा है.
जागरूकता, जांच, इलाज व पोषण से हारेगा टीबी
राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत प्रसाद ने प्रभात खबर डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि टीबी फ्री झारखंड हमारा मिशन है. इसके लिए जागरूकता बेहद जरूरी है. युवाओं को जागरूक करने के लिए कॉलेजों में जाकर वर्कशॉप की जा रही है. पंचायत प्रतिनिधियों को टीबी मुक्त गांव व पंचायत बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ब्लॉक लेवल पर बलगम जांच की सुविधाएं बढ़ी हैं. अस्पतालों में फ्री इलाज की सुविधा है. बड़ी संख्या में टीबी मरीजों को गोद लिया जा रहा है, ताकि उन्हें पर्याप्त पोषण मिल सके. इलाज से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं. कम से कम छह माह का कोर्स लेना होता है.