World Tribal day: झारखंड के जनजातीय समुदाय के विकास के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया पत्र, दिया गया ये सुझाव
पत्र में कहा गया है कि आजादी के बाद राज्य के आदिवासियों के विकास की कोशिशें की गयीं, लेकिन बड़ा वर्ग लाभान्वित नहीं हो पाया. विकास के लिए शिक्षा आवश्यक तत्व है
रांची: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आर्थिक व संसदीय अध्ययन केंद्र ने राज्य के जनजातीय समुदाय के विकास को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सुझाव पत्र भेजा है़ अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष के ओपी लाल, सचिव अयोध्यानाथ मिश्र और संयोजक डॉ एसके किड़ो ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू कुछ काल पहले तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं, इसलिए वे यहां की परिस्थितियों से सुपरिचित है़ं वे इस राज्य के जनजातीय समुदाय के विकास के लिए जिस प्रकार यहां रहने के दौरान चिंता करती थी.
पत्र में कहा गया है कि आजादी के बाद राज्य के आदिवासियों के विकास की कोशिशें की गयीं, लेकिन बड़ा वर्ग लाभान्वित नहीं हो पाया. विकास के लिए शिक्षा आवश्यक तत्व है, लेकिन जनजातीय समाज इससे बहुत हद तक वंचित है़ शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए ट्राइबल स्कूल ऑफ
आंतरप्रेन्योरशिप की स्थापना की जाय, इसका दूरगामी असर होगा़ अध्ययन केंद्र ने ट्राइबल पॉलिसी लागू करने और आदिवासियों का आर्थिक सर्वे प्रकाशित कराने का सुझाव दिया है़ इसके साथ ही सभी खेतों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था करने और कृषि उत्पादों के निर्यात की व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया है़ संस्था का मानना है कि आज भी राज्य का आदिवासी जीवन खेती पर आधारित है,
इसलिए उनके लिए यह सुविधा बहुत फलदायी साबित होगी़ केंद्र ने सुझाव दिया है कि आदिवासी जीवन में महिलाएं मजबूत धुरी है़ं दिल्ली हाट की तर्ज पर यदि शहरों में ट्राइबल हाट की व्यवस्था कर दी जाये़ अध्ययन केंद्र ने उक्त सुझावों के अलावा वनोत्पाद आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, हर्बल क्षेत्र पर जोर देने, स्टडी विजिट/ट्रीप की व्यवस्था करने जैसी सुविधाएं बहाल कराने की ओर भी राष्ट्रपति का ध्यान आकृष्ट किया है़
झारखंड क्षेत्र के जनजातीय युवा दशकों पहले से खेल के क्षेत्र में अपना कौशल दिखाते रहे है़ं रिटायर्ड मशहूर खिलाड़ियों, खासकर हॉकी खिलाड़ियों को केंद्र सरकार सम्मानित करे तो इसका सुखद और उत्साहवर्द्धक प्रभाव युवा खिलाड़ियों पर पड़ेगा.