विश्व आदिवासी दिवस: देश-दुनिया में प्रतिभा का डंका बजा रहीं ये झारखंडी बेटियां, समृद्ध कर रहीं कला-संस्कृति

झारखंड की स्वर कोकिला मोनिका मुंडू किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. इनकी गायिकी व अभिनय प्रतिभा के सभी कायल हैं. लेखिका वंदना टेटे अपनी लेखनी से आदिवासी समाज की आवाज बुलंद कर रही हैं, वहीं एक्टिंग व मॉडलिंग की दुनिया में एंजेल मेरीना तिर्की और नागपुरी एक्ट्रेस एंजल लकड़ा ने कामयाबी के झंडे गाड़े हैं.

By Guru Swarup Mishra | August 8, 2023 8:20 PM
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रांची: विश्व आदिवासी दिवस नौ अगस्त को है. इसे यादगार बनाने के लिए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार नौ व 10 अगस्त को झारखंड आदिवासी महोत्सव का भव्य आयोजन कर रही है. विश्व आदिवासी दिवस पर बात आदिवासी समाज की हो, तो बेटियों व महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा लाजिमी है. वैसे कोई भी क्षेत्र हो, इनका जलवा है. खेल के मैदान से लेकर साहित्य, गायिकी व अभिनय की दुनिया तक में इन्होंने अपनी प्रतिभा से उपलब्धि हासिल की है. चर्चित नामों की लंबी फेहरिस्त है. इस खास मौके पर बात मोनिका मुंडू, वंदना टेटे, एंजेल मेरीना तिर्की व एंजल लकड़ा की. झारखंड की स्वर कोकिला मोनिका मुंडू अपनी जादुई आवाज से झारखंड आदिवासी महोत्सव में लोगों को मंत्रमुग्ध करेंगी. साहित्य में जहां लेखिका वंदना टेटे अपनी लेखनी से आदिवासी समाज की आवाज बुलंद कर रही हैं, वहीं एक्टिंग व मॉडलिंग की दुनिया में एंजेल मेरीना तिर्की और नागपुरी एक्ट्रेस एंजल लकड़ा ने कामयाबी के झंडे गाड़े हैं. कई सम्मान अपने नाम किए हैं. संघर्ष की बदौलत सफलता हासिल की है. अपनी प्रतिभा से देश-दुनिया में इन्होंने झारखंड का नाम रोशन किया है. पढ़िए कामयाब बेटियों की सफलता की गाथा.

मोनिका मुंडू ने एक हजार से अधिक म्यूजिक एल्बम्स में गाए गीत

मोनिका मुंडू. गायिकी व अभिनय की दुनिया में किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. कामयाबी की लंबी फेहरिस्त है. झारखंड की स्वर कोकिला मोनिका मुंडू झारखंड आदिवासी महोत्सव में अपनी जादुई आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध करेंगी. विभिन्न भाषाओं में करीब एक हजार से अधिक म्यूजिक एल्बम्स में उन्होंने गीत गाए हैं. 1990 के दशक में इनका गीत-संगीत का सफर शुरू हुआ और नागपुरी संगीत की दुनिया में स्वर्णिम दौर आज भी जारी है. महेंद्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी में इन्होंने अभिनय किया है और फिलहाल प्रसिद्ध अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी के साथ बांग्ला फिल्म की शूटिंग कर रही हैं. 1993-2010 का वक्त नागपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए स्वर्णिम दौर था. बिहार-झारखंड के हर घर में पवन, पंकज और मोनिका के गीतों के कैसेट बजते थे. इन्हें अपराजिता अवार्ड समेत कई सम्मान मिल चुके हैं.

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महेंद्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म में निभाया किरदार

झारखंड को अपनी धड़कन बताती हैं मोनिका मुंडू. इन्होंने झारखंड के महेंद्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी में किरदार निभाया है. इसके अतरिक्त नागपुरी, बांग्ला, खोरठा, भोजपुरी फ़िल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है. 1992 में झारखंड रत्न, 14 भाषाओं में गीत गा चुकी हैं. प्रसिद्ध अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी के साथ फिलहाल बांग्ला फिल्म की शूटिंग कर रही हैं.

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कई हिट नागपुरी म्यूजिक एल्बम में जादुई आवाज का जलवा

प्रसिद्ध गायिका व अभिनेत्री मोनिका मुंडू फोलोरा, नदिया किनारे, न्यारी, हंसा जोड़ी जैसे कई हिट नागपुरी म्यूजिक एल्बम में अपनी जादुई आवाज का जलवा बिखेर चुकीं हैं. इनकी प्रतिभा सिर्फ संगीत तक ही नहीं है, बल्कि अभिनय की दुनिया में भी इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है.

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आदिवासी लेखिका वंदना टेटे असुर समाज की भी बुलंद कर रहीं आवाज

आदिवासी लेखिका वंदना टेटे की कुल 21 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. कई सम्मान मिले हैं. इनमें अपराजिता सम्मान, शैलप्रिय सम्मान, वुमेन एंपावर अवार्ड 2022, सुशीला सामद स्मृति सम्मान 2023, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं व संगठनों से भी सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक योगदान के लिए इन्हें सम्मानित किया जा चुका है. ये असुर अखड़ा मोबाइल रेडियो की को-ऑर्डिनेटर भी हैं.

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ये हैं खास पुस्तकें

वंदना टेटे की पुरखा लड़ाके, किसका राज है, झारखंड एक अंतहीन समरगाथा, असुर सिरिंग, पुरखा झारखंडी साहित्यकार और नये साक्षात्कार एवं आदिम राग समेत कई पुस्तकें हैं. अश्विनी कुमार पंकज इनके जीवन साथी हैं. आयुध पंकज और अटूट संतोष इनकी संतान हैं.

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असुर अखड़ा मोबाइल रेडियो का किया जा रहा संचालन

असुर अखड़ा मोबाइल रेडियो की को-ऑर्डिनेटर और जानीमानी आदिवासी लेखिका वंदना टेटे कहती हैं कि असुर अखड़ा मोबाइल कम्युनिटी रेडियो की शुरुआत जनवरी 2020 में की गयी थी. बिना फ्रीक्वेंसी वाला यह देश का एकमात्र और अनूठा रेडियो है, जिसका प्रसारण पारंपरिक रूप से लगने वाले स्थानीय साप्ताहिक बाजारों में पीए सिस्टम और इंटरनेट के साउंडक्लाउड, यूट्यूब आदि माध्यमों के द्वारा किया जाता है. विलुप्त होती असुर भाषा-संस्कृति के संरक्षण और प्रसार के लिए झारखंड की राजधानी रांची से करीब 180 किलोमीटर दूर दुर्गम नेतरहाट के पहाड़ी गांवों में इसका संचालन किया जा रहा है.

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बॉलीवुड में अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं एंजेल मेरीना तिर्की

एंजेल मेरीना तिर्की. रांची की आदिवासी बिटिया ने मॉडलिंग की दुनिया में ऊंची उड़ान भरी है. मॉडल व एक्ट्रेस एंजेल मेरीना तिर्की ने बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू के साथ फिल्म रश्मी रॉकेट में काम किया है. क्वींस ऑफ इंटरनेशनल टूरिज्म 2023 का खिताब जीता है. इससे पहले 2022 में मिस यूनाइटेड नेशंस अर्थ का भी इन्होंने खिताब जीता था. दो बार इन्होंने इंटरनेशनल टाइटल अपने नाम किया और देश व झारखंड का नाम रोशन किया.

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राज्यपाल से मिला है प्राइड ऑफ झारखंड अवार्ड

झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने एंजेल मेरीना तिर्की को प्राइड ऑफ झारखंड अवार्ड से नवाजा है. जी-20 इंटरनेशनल डेलीगेट्स को इन्होंने होस्ट किया था. पिछले आठ वर्षों से वे अपने राज्य की कला व संस्कृति को दूसरी जगहों पर पेश कर रही हैं. इस क्रम में उन्हें कई सम्मान भी मिले हैं. इंडियन आइकॉन अवार्ड 2022, बेस्ट अचीवर अवार्ड, बेस्ट इमर्जिंग ग्रूमिंग एक्सपर्ट समेत कई अवार्ड इनके नाम हैं.

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झारखंडी होने पर है नाज

विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड आदिवासी महोत्सव में भी एंजेल मेरीना तिर्की कलाकारों को प्रोत्साहित करेंगी. अपनी यात्रा, महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देने और झारखंड की कला-संस्कृति को लेकर लोगों से संवाद करेंगी. झारखंड की माटी पर गर्व करते हुए कहती हैं कि झारखंडी होने पर उन्हें नाज है.

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कौन हैं एंजेल मेरीना तिर्की

एंजेल मेरीना तिर्की रांची के नामकुम स्थित विकास नगर की रहने वाली हैं. दसवीं की पढ़ाई विशप वेस्टकॉट गर्ल्स स्कूल नामकुम, इंटरमीडिएट की पढ़ाई सेंट जेवियर्स कॉलेज व ग्रेजुएशन अमेटी यूनिवर्सिटी से की हैं. वे बताती हैं कि उनके पिता अल्फ्रेड तिर्की रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर हैं. मां मगदली तिर्की गृहिणी हैं. उनकी छोटी बहन एएलसी तिर्की मास्टर्स कर रही हैं.

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नागपुरी एक्ट्रेस एंजल लकड़ा को संघर्ष से मिली कामयाबी

रांची की नागपुरी एक्ट्रेस और मॉडल एंजल लकड़ा का जीवन संघर्षभरा रहा है. आदिवासी समाज की इस बिटिया को परिवार ने जब साथ नहीं दिया, तो भी सपने को साकार करने लिए ये अकेली लड़ती रहीं. आखिरकार परिवार का भी साथ मिला और एक्टिंग की दुनिया में सफलता के झंडे गाड़े. कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं. तीन सौ से भी अधिक एलबम रिलीज हो चुके हैं.

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परिजनों ने एक्टिंग करने से किया था मना

मामा के रातू स्थित घर पर रहकर वे मोबाइल में रैंपवाक से लेकर एक्टिंग तक की प्रैक्टिस करने लगीं. इसी दौरान इन्हें ‘चाहो ना’ में काम करने का मौका मिला. इस गीत को दर्शकों ने खूब प्यार दिया. एलबम हिट होने लगे तो नागपुरी फिल्म ‘तोर बिना’ में काम मिला. इस दौरान परिवार वालों ने कहा कि ये सब नहीं करो. हमारे घर की बेटियां फिल्मों में काम नहीं करती हैं.

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सपनों को ऐसे किया साकार

इन विपरीत हालात में एंजल ने रांची में अकेली रहना शुरू कर दिया. सपनों को उड़ान देने के लिए खूब मेहनत कीं. एक दिन ऐसा भी आया कि जब काफी तंगी चल रही थी. खाना-रहना मुश्किल हो रहा था. तभी एक कॉल ने उन्हें जीवनदान दिया. एक गीत की शूटिंग का ऑफर आया. तबीयत नासाज होने के बाद भी काम किया. इससे उन्हें 1200 रुपये मिले थे.

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लॉकडाउन ने रास्ता रोका, तो खोलीं प्रोडक्शन कंपनी

इस तरह एंजल लकड़ा को धीरे-धीरे काम मिलने लगा, लेकिन इसी दौरान संपूर्ण लॉकडाउन ने नयी मुसीबत खड़ी कर दी. अब कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था. इस दौरान इन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की. जब सफलता की गाड़ी ट्रैक पर आने लगी, तो घर वालों का भी समर्थन मिलने लगा. तीन सौ से भी अधिक एलबम रिलीज हो चुके हैं. अब तक कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं.

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