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विश्व जल दिवस: जल की गुणवत्ता जांचने के लिए सहिया को मिलेगी FTK कीट, बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मान

World Water Day 2022: जल की गुणवत्ता जांचने के लिए जल सहिया को एफटीके किट दी जायेगी. इस मौके पर बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया गया. रांची के कांके रोड स्थित विश्वा सभागार में जल गुणवत्ता विषय पर राज्य स्तरीय संवाद का आयोजन किया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2022 5:07 PM

World Water Day 2022: झारखंड के स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नेहा अरोड़ा ने कहा कि जल ही जीवन है. प्रदूषित जल से 80% बीमारियों का जन्म होता है. इसलिए हर क्षेत्र में वॉटर क्वालिटी की जांच होनी चाहिए. झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जल सहिया प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर सेवा प्रदान कर रही हैं. आम लोगों से कम्युनिकेशन कर प्रदूषित जल के निराकरण की दिशा में जल सहियाओं ने बेहतरीन काम किया है. इसलिए जल सहिया ग्रामीण क्षेत्र की रीढ़ हैं. इन्हें जल की गुणवत्ता जांचने के लिए एफटीके किट दी जायेगी. इस मौके पर बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया गया. रांची के कांके रोड स्थित विश्वा सभागार में जल गुणवत्ता विषय पर राज्य स्तरीय संवाद का आयोजन किया गया था.

दिया जायेगा आईईसी मैटेरियल

स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नेहा अरोड़ा ने कहा कि झारखंड में मिनरल्स काफी हैं. इसलिए जल प्रदूषण की आशंकाएं भी ज्यादा हैं. प्रदूषित जल से ही तरह-तरह की बीमारियों का जन्म होता है. इसलिए जरूरी है कि हम जहां भी रहते हैं, वहां के जल की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि जहां भी गुणवत्तापूर्ण जल की समस्या है, उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा. जल सहियाओं के लिए विस्तृत आईईसी मैटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वह ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के प्रति उनको जागरूक कर सकें.

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जरूरी है जल की गुणवत्ता की निगरानी

यूनिसेफ के पदाधिकारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भू-जल स्तर और जल संरक्षण पर फोकस किया जाना चाहिए और इसके लिए यूनिसेफ 263 जल सहियाओं को जल गुणवत्ता के क्षेत्र में निपुण बनाएगा. पीएमयू के मुख्य अभियंता ने कहा कि रांची की बड़ी आबादी आज भी 1970 में निर्मित डैम के भरोसे ही है, जबकि आबादी का अनुपात गुणात्मक तरीके से आगे बढ़ा है और लोगों को शुद्ध जल मिल सके, इसके उपाय मिशन मोड में करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें जल की गुणवत्ता की निगरानी करनी होगी. इसके साथ ही सतर्कता भी बरतनी जरूरी है.

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सम्मानित हुईं जल सहिया

राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आई जलसहिया को उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र और शॉल देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान जल सहियाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए फ्लोराइड, आर्सेनिक, आयरन और नाइट्रेट आदि जैसे केमिकल मिश्रित जल से होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभियंता प्रमुख रघुनंदन शर्मा, मुख्य अभियंता संजय कुमार झा, सीडीए सुधाकांत झा और अधीक्षण अभियंता जल गुणवत्ता शैलेश कुमार सिन्हा सहित कई पदाधिकारी और जलसहिया उपस्थित थे.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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