सांस के अभ्यास से लंग्स को बनायें मजबूत और स्वस्थ, इन आसनों को करें फॉलो
विश्व योग दिवस 21 जून को है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मेकन ग्राउंड में भव्य कार्यक्रम होगा. कार्यक्रम सुबह छह बजे शुरू होगा, जिसमें करीब 4,000 लोग शामिल होंगे. ऐसे में आइये जानते हैं कि योग से कैसे लंग्स को बनायें मजबूत और स्वस्थ रखे और उसके लिए क्या-क्या आसन है. जानें यहां...
अनिता कुमारी
World Yoga Diwas 2023: कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा नुकसान इंसानी शरीर के फेफड़े (लंग्स) को पहुंचाया है. फेफड़ा संक्रमित होने से लोगों का श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम) प्रभावित हुआ है. साथ ही कई नयी समस्याएं भी होने लगी हैं. सांस लेने में दिक्कत, सांस की गति में तेजी और बार-बार संक्रमण की समस्याएं लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. बुजुर्ग और अस्थमा से पीड़ित मरीज इससे परेशान हैं. जांच के क्रम में फेफड़े में सिकुड़न का पता चल रहा है. ऐसे में फेफड़े को स्वस्थ रखने के लिए नियमित योग से जुड़ना होगा.आसन और प्राणायाम से फेफड़ा तो मजबूत होगा ही, साथ ही पोस्ट कोविड की समस्याएं भी दूर होंगी.
इन आसनों के प्रयोग से फेफड़े होंगे स्वस्थ
-
उदर श्वसन (एब्डॉमिनल ब्रीदिंग) : इस आसन से फेफड़े (लंग्स) की समस्या दूर होगी. उदर श्वसन से डायफ्राम नीचे जाता है, जिससे लंग्स में फैलाव होता है. योग के नियमित अभ्यास से फेफड़े की मांसपेशियां मजबूत होंगी.
-
वक्ष श्वसन (चेस्ट ब्रीदिंग) : इस आसन से डायफ्राम नीचे जाता है, जिससे फेफड़ा को पूरा फैलने का मौका मिलता है.इससे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन फेफड़े तक पहुंचती है. नियमित योग से फेफड़े की सिकुड़न धीरे-धीरे ठीक होगी.
-
यौगिक श्वसन (योग ब्रीदिंग) : इसमें पेट को सीने तक फुलाकर सांस भरी जा सकती है. सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया में ऑक्सीजन की पूर्ति शरीर में होगी. इससे सांस को नियंत्रित कर फेफड़े को मजबूत कर सकेंगे.
-
भ्रामरी प्राणायाम : आसन के नियमित अभ्यास से फेफड़े और सांस की समस्या दूर होगी. फेफड़ा में फैलाव आयेगा, जिससे शुद्ध ऑक्सीजन शरीर को मिल सकेगा.
-
भुजंगासन : इससे फेफड़ा और सांस की समस्या दूर होगी.आसन को करते समय सांस में निरंतरता आती है. फेफड़ा का फैलाव होता है, जिससे फेफड़े की मांसपेशी और धमनियां स्वस्थ होती हैं.
-
शलभासन : इस आसन से सांस की निरंतरता पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है. सांस को कुछ देर तक रोककर और आसन के नियमित अभ्यास से फेफड़े की मांसपेशियों को मजबूत कर सकेंगे.
Also Read: प्राणायाम करने से हाई ब्लड प्रेशर रहता है नियंत्रित, यह नौ योगासन है कारगर
-
नाड़ी शोधन प्राणायाम : इस आसन से सांस की गति में विस्तार होगा.फेफड़ा का फैलाव होने से अधिक से अधिक मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन शरीर को मिलेगी. अस्थमा और सांस की समस्या वाले मरीजों को इसका नियमित अभ्यास करना होगा.
-
गर्दनी श्वसन (थोरेसिक ब्रीदिंग) : इससे लंग्स में खिंचाव आता है.आसन करने से सांस लेते समय फेफड़े को अधिक से अधिक फैलने का मौका मिलता है. इससे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचती है. अस्थमा और सांस की समस्या वाले मरीजों के लिए यह आसन कारगर है.
Also Read: योग भगाये रोग! योगाभ्यास से थायराइड का है संपूर्ण इलाज संभव, करें यह आसन
(योग एक्सपर्ट, आर्किड मेडिकल सेंटर)