Jharkhand news (रांची) : डार्क हॉर्स और औघड़ जैसे किताबों के लेखक निलोत्पल मृणाल की तबीयत बिगड़ गयी. इस दौरान दुमका जिला के नोनीहाट स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने गये, लेकिन डॉक्टर के नहीं मिलने से इलाज नहीं हो पाया. इसी बात को लेकर साहित्यकार निलोत्पल मृणाल ने सीएम हेमंत सोरेन समेत स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, गोड्डा
सांसद निशिकांत दुबे और दुमका डीसी से नोनीहाट स्वास्थ्य केंद्र में एक अदद डॉक्टर की बहाली की गुहार लगाये हैं, ताकि मरीजों का समय रहते इलाज संभव हो सके.
@HemantSorenJMM सर, कल रात मौत के अनुभव से गुजरा हूं। doc के अभाव में संभल जाने वाली तबियत भी डर से और बिगड़ जाती है।"नोनीहाट स्वास्थ्य केंद्र,(दुमका)" बड़ी अबादी को cover करता है।कृपा कर यहाँ एक नियमित doc देने की कृपा करें।🙏🙏🙏तब वैक्सीननेशन हेतु भी doc भरोसा दे पायेंगे। pic.twitter.com/CnLdUdo5vJ
— Nilotpal Mrinal (@authornilotpal) May 11, 2021
सीएम हेमंत को ट्वीट कर साहित्यकार निलोत्पल मृणाल ने कहा कि सोमवार की रात मौत के अनुभव से गुजरा. तबीयत बिगड़ने से लगातार उलटी, पेट दर्द और सांस की दिक्कत हुई. तत्काल नोनीहाट स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए गया, लेकिन यहां डॉक्टर नहीं मिले. पता चला कि यहां के डाॅक्टर को कोविड केंद्र में लगा दिया गया है.
इस दौरान परिचितों से फोन पर पूछ कर दवाई ली. उन्होंने सवाल उठाया कि सोचिए अगर इस तरह के कितने मरीज आते-जाते होंगे. संभल जाने वाली तबीयत भी डर और उचित प्राथमिक उपचार के अभाव में हार जाती होगी. साथ ही कहा कि अगर उनके गांव-कस्बे वाले अस्पताल में जो आस-पास के छोटे-छोटे गांवों को मिला कर 50-70 हजार तक की आबादी को सेवा दे सकते हैं, वहां एक नियमित सरकारी डॉक्टर होता, तो बहुत हद तक गांव के स्तर पर ही मामला संभल सकता है.
उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन समेत अन्य मंत्री, दुमका डीसी से समेत क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधियों से गांव के स्वास्थ केंद्र में एक नियमित सरकारी डॉक्टर देने की अपील की है, ताकि ग्रामीणों को इस कोविड काल में काफी हद तक राहत मिल सके. साथ ही डॉक्टर के रहने पर वैक्सीनेशन के लिए भी भरोसा दे पायेंगे.
ट्वीट कर उन्होंने कहा कि दुमका जिले का सबसे बड़ा कस्बा है नोनीहाट. इस स्वास्थ्य केंद्र पर हजारों ग्रामीण आश्रित हैं. वर्तमान समय में इस स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर नहीं होने से ग्रामीणों की चिंता काफी बढ़ गयी है. अगर रात में किसी की तबीयत खराब हो जाती है, तो इलाज के कहां भटकेंगे. इस गंभीर मसले पर राज्य सरकार को तत्काल ध्यान देनी चाहिए.
बता दें कि साहित्यकार निलोत्पल मृणाल द्वारा लिखित डार्क हॉर्स साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से पुरस्कृत कृति है. इसमें एक ऐसे घोड़े की चर्चा की गयी है जिसपर कोई दांव नहीं लगाता है क्योंकि किसी ने इस घोड़े की जीतने की उम्मीद नहीं की थी. लेकिन, वहीं घोड़ा अन्य सभी घोड़े को पछाड़ कर सबसे आगे निकल जाता है.
Posted By : Samir Ranjan.