रांची : राज्य में मुख्यमंत्री बनने में देरी होती है, तो वहां हाहाकार मच जाता है. दूसरी ओर झारखंड के विभिन्न विवि में स्थायी कुलपति और प्रतिकुलपति पिछले लगभग 264 दिनों से नहीं हैं. डिग्री कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं. एक प्राचार्य को कई कॉलेज का जिम्मा दे दिया जाता है. विवि व कॉलेज के प्रशासनिक पद खाली हैं. लेकिन उस राज्य के राज्यपाल व मुख्यमंत्री मौन हैं. ये बातें परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहीं. वह गिरती शैक्षिक व्यवस्था के खिलाफ सोमवार को अभाविप के द्वारा राजभवन के समक्ष आयोजित धरना को संबोधित कर रहे थे. धरना में 24 जिलों से सदस्य और विद्यार्थी शामिल हुए.
पांच वर्ष से नहीं हुआ छात्र संघ चुनाव :
इस मौके पर याज्ञवल्क्य शुक्ल ने आगे कहा कि कॉलेजों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय, पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. पिछले पांच वर्षों से झारखंड के किसी भी विवि में छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए हैं. राजभवन को इसे लेकर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. 2007 के बाद से नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं हुई है. सरकार झारखंड संयुक्त योग्यता धारी परीक्षा का आयोजन करती है और वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है.
जनजातीय विद्यार्थियों को ठगा जा रहा :
इस मौके पर राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य रोमा तिर्की ने कहा कि झारखंड में जनजातीय विद्यार्थियों को राजनीति के नाम पर ठगने का काम हो रहा है. रमेश उरांव ने कहा कि झारखंड की विवि शिक्षा व्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. कार्यक्रम को शुभम राय और गौतम महतो आदि ने भी संबोधित किया.
प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा मांग पत्र :
शाम में राजभवन के अधिकारियों के साथ प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी रामकुमार उरांव ने अभाविप के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर 11 सूत्री मांग पत्र स्वीकार किया और कार्रवाई का भरोसा दिलाया. इस अवसर पर निखिल रंजन, प्रमोद रावत, विशाल सिंह, राजीव रंजन, विनीत पांडे, दुर्गेश यादव, डब्लू भगत, नवलेश सिंह, रितेश यादव, विवेक पाठक, शिवेंद्र सौरभ, सौरव विद्यानंद, निवास मंडल, अभिनव जीत, किरण ऋतुराज, अमन, सिद्धांत, शारदा, संजना, साक्षी, कार्तिक गुप्ता, प्रणव गुप्ता और आनंद आदि उपस्थित थे.