Year Ender 2023: झारखंड की राजनीति में छाया रहा कैश कांड, लिफाफा में अब भी बंद है रहस्य
साल 2023 में झारखंड की राजनीति में उथल पुथल मची रही. इसी साल बाबूलाल मरांडी को प्रदेश भाजपा की कमान मिली. रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल बनाए गए. लिफाफा प्रकरण का रहस्य अब भी बरकरार है, जिसने सरकार को हिलाकर रख दिया. कैश कांड भी छाया रहा, जिसकी चर्चा देशभर में हुई. आइए एक नजर डालते हैं 2023 पर...
रांची, सतीश कुमार : वर्ष 2023 में झारखंड की राजनीति पूरे देश में चर्चा में रही. लिफाफा प्रकरण ने तो सरकार को हिला कर रख दिया था. यह प्रकरण लगभग पूरे साल भर तक लोगों की जुबान पर रहा. अभी भी इसका रहस्य बरकरार है. प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पत्थर खनन लीज लेने पर सवाल उठाया था. तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस से इस संबंध में शिकायत कर आरोप लगाया गया कि उनका यह कृत्य गलत है. ऐसे में हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता निरस्त की जाये. राज्यपाल ने इसे तत्काल चुनाव आयोग के पास भेज कर मंतव्य मांगा. आयोग में सुनवाई की प्रक्रिया के बाद राजभवन को मंतव्य मिला. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि अभी इसकी समीक्षा की जा रही है. ऐसे में अभी भी लिफाफा का रहस्य नहीं खुला है. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने विश्वस्त नेताओं की निगरानी में लगभग एक सप्ताह तक विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित एक पांच सितारा रिसॉर्ट में ठहराया था. राजनीतिक हलकों में यह प्रकरण चर्चा का विषय बना रहा. वहीं इस वर्ष के अंत में एक बार फिर झारखंड का कैश कांड देश भर में सुर्खियां बना. कांग्रेस सांसद धीरज साहू के कई ठिकानों में इनकम टैक्स की छापेमारी में मिले 351 करोड़ नगद की चर्चा देश भर में हुई. इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट किया. कहा कि देशवासी इन नोटों के ढेर को देंखे और फिर इनके नेताओं की ईमानदारी के भाषणों को सुनें. जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है.
बाबूलाल को मिली भाजपा की कमान, कांग्रेस को मिला नया प्रभारी
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से वर्ष 2023 जुलाई माह में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गयी. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को ओड़िसा का राज्यपाल बना और पूर्व मंत्री अमर बाउरी को भाजपा विधायक दल का नेता चुन कर भविष्य की राजनीति के संकेत दिये. पार्टी के इस निर्णय से चार साल बाद अमर बाउरी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिला. इधर, कांग्रेस में फेरबदल हुआ. गुलाम अहमद मीर को झारखंड कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया .
गठबंधन की बेबी देवी के सिर सजा जीत का ताज
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद इस वर्ष डुमरी विधानसभा में उपचुनाव हुआ. इसमें इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी के सिर जीत का ताज सजा. उन्होंने एनडीए से आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी को लगभग 17 हजार वोटों से हटा कर गठबंधन की सीट बरकरार रखी.
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