झारखंड के पहले से विकसित शहरों की तुलना में अन्य शहरों में विकास की रफ्तार तेज हुई है. वर्ष 2000 में झारखंड में शहरी क्षेत्र करीब 22 प्रतिशत था. राज्य गठन के बाद से नगर विकास विभाग को शहरों का विकास करने में अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. वर्तमान में शहरी क्षेत्र बढ़ कर लगभग 30 प्रतिशत हो चुका है. रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो जैसे शहरों की तुलना में देवघर, हजारीबाग, रामगढ़ समेत अन्य शहरों में विकास की गति अधिक है. शहरी यातायात दुरुस्त करने के लिए रांची, धनबाद और जमशेदपुर में सिटी बस सेवा शुरू की गयी. लेकिन, इसके संचालन में अभी तक सफलता नहीं मिली है.
झारखंड में शहरी विकास के लिए 4000 करोड़ की योजनाओं पर काम चल रहा है. इसमें से 1280 करोड़ की योजनाओं पर एडीबी के सहयोग से काम हो रहा है. भविष्य में राज्य के शहरी विकास और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 5280 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. केंद्र सरकार के वित्त विभाग से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है. इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक 2800 करोड़ रुपये देगा. 1200 करोड़ रुपये राज्य सरकार भी अंशदान देगी.
वर्तमान में राज्य के विभिन्न नगर निकायों में एडीबी के सहयोग से 1280 करोड़ की योजनाओं पर काम चल रहा है. इनमें रांची फेज 2 ए शहरी जलापूर्ति योजना, हुसैनाबाद शहरी पेयजलापूर्ति योजना और झुमरी तिलैया शहरी पेयजलापूर्ति योजना शामिल हैं.
इसके अलावा 165.80 करोड़ की मेदिनीनगर शहरी पेयजलापूर्ति योजना, 146.33 करोड़ की झुमरी तिलैया शहरी जलापूर्ति योजना और 66 करोड़ की रांची फेज 2 सी योजना का टेंडर प्रक्रियाधीन है. एडीबी की सहायता से शहरी पेयजलापूर्ति के अलावा सीवरेज-ड्रेनेज, सेप्टेज और शहरी आधारभूत संरचना के विकास का भी काम होगा. राज्य के सभी नगर निकायों के सभी कोषांगों को प्रशिक्षित करने का भी काम शुरू किया गया है.
सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम किसी भी शहर में नहीं बनाया जा सका है. सभी निकायों में स्थित हर घर को पेयजल का कनेक्शन देने के मामले में दिल्ली अभी काफी दूर है. व्यवस्था ठीक करने के लिए निकायों की आधारभूत संरचना दुरुस्त करने पर काम चल रहा है. इसके लिए राज्य के 48 नगर निकायों में से 42 में ई-गर्वनेंस लागू कर दिया गया है. भवन निर्माण नियमावली का पुनर्गठन कर नीतियों में परिवर्तन किया गया है. धनबाद, चाईबासा, चक्रधरपुर और रामगढ़ में नगर निकायों का नया भवन बनाया जा रहा है. रांची और देवघर में नगर निगम का शानदार भवन तैयार कर लिया गया है.
वर्ष 2022 में राजधानी रांची समेत किसी भी शहर में विभाग कोई नया फ्लाइओवर नहीं बना सका है. हालांकि, राजधानी के लिए राहत की बात एक साथ तीन फ्लाइओवर का निर्माण कार्य शुरू होना है. अगले एक से डेढ़ वर्ष में तीनों फ्लाइओवर के तैयार होने की उम्मीद है. फ्लाइओवर तैयार होने के बाद शहर की सूरत बदल जायेगी. राजधानी में ट्रांसपोर्ट नगर और इंटर स्टेट बस टर्मिनल बनाने की योजना इस साल भी कागज से बाहर नहीं निकल सकी है. हालांकि, इन दोनों के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आयी है. अगले साल आइएसबीटी और ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के लिए टेंडर कर काम शुरू किया जा सकता है.