Jharkhand: आज के युवा पीढ़ी पेश कर रही नजीर, बदल रही है गांव की सूरत
हमारी युवा पीढ़ी नजीर पेश कर रही है. गांव की सूरत बदलने में जुटी है. इसमें राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थी अहम भूमिका निभा रहे हैं. कोई गांवों में हरियाली फैलाने में जुटा है, तो कोई गांव के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ा रहा है.
जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआइएसएस) के विद्यार्थी समाज सुधार और विकास में अपना अहम योगदान दे रहे हैं. प्रतियोगिता परीक्षा की दौड़ में शामिल बच्चों को समय प्रबंधन के साथ लीडरशिप के लिए भी तैयार किया जा रहा है़ एक्सआइएसएस के रूरल मैनेजमेंट विभाग की टीम प्रयत्न रांची के महुआटोली समेत आस-पास के इलाके में बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम को समझाने और उसे समय पर पूरा करने में मदद कर रही है़ वहीं, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के विद्यार्थी संत माइकल्स ब्लाइंड स्कूल, चेशायर होम, गुरुनानक होम फॉर हैंडीकैप्ड के बच्चों को भी संगीत व खेल के जरिये जीवन जीने की सीख दे रहे हैं.
एनएसएस बीआइटी मेसरा के विद्यार्थी ग्रामीण बच्चों को भी शिक्षित बनाने में जुटे हैं. संस्था ने आस-पास के गांव रुदिया, केदल, पंचौली, मेसरा पूर्वी और पश्चिमी, चुट्टू, नवरी और होम्बई के बच्चों को गोद लिया है. यहां के बच्चों को रोजाना कोचिंग दी जाती है़ इसके लिए किशल्य विद्यालय, पंचायत भवन मेसरा और पंचौली में सेंटर बनाया गया है़ समय-समय पर एनएसएस की टीम ग्रामीणों के बीच जागरूकता कार्यक्रम कर सरकारी योजनाओं का लाभ भी पहुंचा रही है. समन्वयक डॉ ओपी पांडेय ने बताया कि बच्चों और ग्रामीणों को प्रकृति के प्रति भी प्रेरित किया जा रहा है़ यहां लगाये गये पौधे अब पेड़ की शक्ल लेने लगे हैं. लोगों को चिह्नित कर उनका राशन कार्ड बनवाया जा रहा है.
आइआइटी आइएसएम धनबाद के विद्यार्थियों की टीम कर्म ज्याेति बच्चों को कर्मठ बनाने में जुटी है़ धनबाद के आसपास के ग्रामीण इलाकों के बच्चों के बीच विज्ञान का अलख जगाया जा रहा है़ यही कारण है कि ग्रामीण बच्चे 10वीं के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले रहे हैं. इसके लिए आइआइटीयन से सीधा संवाद कराया जा रहा है़ खास बात है कि आइआइटी धनबाद के विद्यार्थी सिर्फ 10वीं या 12वीं के बच्चों पर फोकस नहीं करते, बल्कि प्राथमिक कक्षा में पढ़ रहे बच्चों को नेतरहाट विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय तक भी पहुंचने में भी सहयोग कर रहे हैं.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (NLU), कांके के सेंटर फॉर लीगल एड प्रोग्राम से ग्रामीणों को काफी मदद मिल रही है़ सेंटर से जुड़े विद्यार्थी ग्रामीणों को कानूनी सलाह दे रहे हैं. साथ ही डालसा के सहयोग से मध्यस्थता में भी जुटे हैं. एनएलयू के विद्यार्थियों ने दो गांव बुकरू और कांके बजार टांड को गोद लिया है. गांव के बच्चों के लिए नियमित शैक्षणिक कार्यक्रम चलाया जा रहा है़ साथ ही विभिन्न विषयों पर नुक्कड़ नाटक कर ग्रामीणों को जागरूक करने में भी जुटे हैं. सेंटर के कन्वेनर कौशिक बागची ने कहा कि नगड़ी और होसिर में मानसिक स्वास्थ्य और महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
IIM रांची के विद्यार्थियों की टीम समर्पण के माध्यम से बच्चों और जरूरतमंदों के सहयोग में जुटी हुई है. बच्चों के बीच नियमित रूप से मोटिवेशन क्लास चलायी जा रही है. जीवन के लक्ष्य के प्रति मोटिवेट किया जा रहा है. साथ ही विद्यार्थियों की टीम ऐसे गांवों का चयन करती है, जहां के ग्रामीणों को राशन की जरूरत है. बच्चों और बुजुर्गों के लिए गर्म कपड़े और पाठ्यक्रम सामग्री की भी व्यवस्था करायी जाती है. इसके अलावा महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है. जहां पहले ग्रामीण महिलाएं साल के पत्ते से दोना और थाली बनाती थी, अब उन्हें मशीन उपलब्ध करा दी गयी है.
अभिषेक रॉय की रिपोर्ट